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अब सहकारी समितियों के सदस्य भी लड़ सकेंगे पंचायत चुनाव, पंचायती राज एक्ट में किया गया संशोधन

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में बुधवार को मंत्रिमंडल की बैठक हुई. बैठक में कुल 30 महत्वपूर्ण प्रस्तावों को मंजूरी दी गई है. इस दौरान फैसला लिया गया कि बैठक में पंचायती राज अध्यादेश में संशोधन किया गया, जिसके तहत अब सदस्य के स्थान पर प्रबंध समिति के सदस्य को चुनाव लड़ने की अनुमति मिलेगी.

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Published : Aug 28, 2019, 8:33 PM IST

Updated : Aug 28, 2019, 8:43 PM IST

मदन कौशिक

देहरादूनः त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव से पहले एक बार फिर पंचायती राज एक्ट में संशोधन किया गया है. बुधवार को सचिवालय में हुई कैबिनेट बैठक में राज्य सरकार पंचायती राज एक्ट में संशोधन को लेकर अध्यादेश आयी. जिसे मंत्रिमंडल से मंजूरी मिल गई है. इसके तहत सरकारी समितियों के सदस्यों को अब पंचायत चुनाव लड़ने में छूट दी जाएगी. पंचायती राज एक्ट में सहकारी समितियों को पंचायत चुनाव लड़ने की छूट देने को लेकर बीते कुछ दिनों से मसौदा तैयार किया जा रहा था.

कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक ने दी कैबिनेट के फैसले की जानकारी.

पढ़ें-कैबिनेट: आबकारी विभाग को लेकर फैसला, इथेनॉल पर टैक्स नहीं, राज्य को करोड़ों का नुकसान

आपको बता दें कि साल 2016 में अस्तित्व में आयी पंचायती राज एक्ट में इसी साल जून महीने में हुई विधानसभा सत्र के दौरान संशोधन किया गया था. इसके तहत प्रावधान किया गया था कि 2 से अधिक बच्चे वाले प्रत्याशी चुनाव नहीं लड़ पाएंगे, साथ ही शैक्षिक योग्यता भी तय की गई थी. इसके अलावा संशोधन एक्ट में एक शर्त और जोड़ा गया था, जिसके अनुसार सहकारी समितियों के सदस्य पंचायत चुनाव नहीं लड़ पाएंगे.

सहकारी समितियों के सदस्यों का पंचायत चुनाव ना लड़ पाने वाले शर्त को त्रुटि मानते हुए राज्य सरकार ने एक बार फिर पंचायती राज एक्ट में संशोधन किया है, जिस पर मंत्रिमंडल ने मुहर भी लगा दी है. लिहाजा अब इस संशोधन से सहकारी समितियों के सभापति, उपसभापति, और निदेशक मंडल को छोड़कर बाकी अन्य सदस्य पंचायत चुनाव लड़ पाएंगे.

Last Updated : Aug 28, 2019, 8:43 PM IST

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