विकासनगर: जौनसार बावर की लाइफ लाइन कहे जाने वाले कालसी-चकराता मोटरमार्ग पर स्थित जजरेड़ पहाड़ी लोगों के लिए मुसीबत बनी हुई है. इस पहाड़ी से लगातार भूस्खलन होने के कारण वाहन और वाहन चालक हादसों के शिकार होते रहते हैं. वहीं, दोनों ओर से आने वाले लोग जान जोखिम में डालकर सफर करने को मजबूर हैं, लेकिन इसके बावजूद भी विभाग और सरकार भूस्खलन का समाधान निकालने में अब तक नाकाम रही है.
जौनसार बावर के 42 किलोमीटर लंबे कालसी-चकराता मार्ग पर रोजाना सैकड़ों वाहनों की आवाजाही होती है. साथ ही इस मार्ग से अनेकों संपर्क मार्ग जुड़े होने के कारण कई वाहनों का आवागमन और ग्रामीण किसान अपनी फसलों को लेकर देहरादून की मंडी तक ले जाते हैं. जजरेड़ नामक पहाड़ी के एक छोटे से हिस्से में लगातार भूस्खलन के कारण मलबा और पत्थर लगातार गिरते रहते हैं.