डोइवाला: शुगर मिल के कर्मचारियों ने बुधवार को वेतन और अन्य मांगों को लेकर अधिशासी निदेशक का घेराव किया. साथ ही कर्मचारियों ने अपने वेतनमान, एरियर सहित अन्य मांगों पर शीघ्र कार्रवाई की मांग की. कर्मचारियों का आरोप है कि गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग के कर्मचारियों को शासन ने पुनरीक्षित वेतनमान एक अक्टूबर 2015 से देने के निर्देश दिए थे. लेकिन इस पर आजतक अमल नहीं हो पाया. प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं हुई तो वे उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होंगे.
पढ़ें:सांसद बनने के बाद पहली बार नैनीताल पहुंचे अजय भट्ट, हरीश रावत की CBI जांच को लेकर दिया बड़ा बयान
शुगर मिल के कर्मचारियों का कहना है कि एक साल पूर्व अवकाश का नकदीकरण का भुगतान नहीं किया गया है. वहीं, सीजनल श्रमिकों को रिटर्निंग भत्ता और अधिकांश कर्मचारियों को सेवानिवृत्त होने के बाद भी भुगतान नहीं किया जा रहा है. जिसके चलते कर्मचारियों को अपना घर चलाना मुश्किल हो रहा है.
डोइवाला शुगर मिल के कर्मचारियों ने अधिशासी निदेशक का घेराव किया. श्रमिक नेता विजय शर्मा ने कहा कि डोइवाला शुगर मिल में 300 के लगभग कर्मचारी हैं. जो लंबे समय से अपने वेतनमान और अन्य मांगों को लेकर अधिशासी निदेशक से मिल चुके हैं. लेकिन उनकी मांगों पर गौर नहीं किया जा रहा है. जिसके कारण कर्मचारियों में आक्रोश है. उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगें शीघ्र पूरी नहीं हुई तो सभी श्रमिक संगठन से जुड़े कर्मचारी सड़क पर उतरकर प्रदर्शन करेंगे.
पढ़ें:नशे के खिलाफ कांग्रेसियों ने की एंटी ड्रग्स स्पेशल टास्क फोर्स बनाने की मांग
वहीं, इस मामले में शुगर मिल के अधिशासी निदेशक मनमोहन सिंह रावत का कहना है कि डोइवाला शुगर मिल पहले से ही घाटे में चल रही है. जिसके चलते दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. जैसे-जैसे मिल को बकाया भुगतान मिलता तो वह समय पर कर्मचारियों की मांगों को पूरा करते हैं. लेकिन अभी मिल प्रशासन के पास कर्मचारियों के वेतन भुगतान लायक पैसा उपलब्ध नहीं है. जैसे ही मिल प्रबंधन को बकाया भुगतान होगा, कर्मचारियों को भी रुका वेतन दे दिया जाएगा.