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नोटबंदी के खिलाफ कांग्रेस का उत्तराखंड में मिलाजुला प्रदर्शन, देहरादून में बाहर नहीं निकले कांग्रेसी

नोटबंदी के 3 साल पूरे होने पर उत्तराखंड के विविध भागों में कांग्रेस पार्टी की ओर से विरोध जताया गया. कांग्रेसियों ने सरकार के इस कदम को तुगलकी फरमान बताया. राजधानी देहरादून में किसी भी प्रकार का प्रदर्शन न होने पर काफी सवाल खड़े हो रहे हैं.

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Published : Nov 9, 2019, 3:54 PM IST

नोटबंदी

देहरादूनः उत्तराखंड के गंभीर मुद्दों पर सरकार को वॉकओवर देने वाली कांग्रेस राष्ट्रीय मुद्दों पर भी मौन है. हालत यह है कि राष्ट्रीय नेतृत्व नोटबंदी के 3 साल पूरे होने पर केंद्र सरकार को घेरने का काम कर रहा है तो उत्तराखंड कांग्रेस संगठन शायद इस मामले को ज्यादा गंभीर मुद्दा नहीं बन रहा. हालांकि, हल्द्वानी में पार्टी के छात्र संगठन एनएसयूआई ने केंद्र सरकार का पुतला फूंककर विरोध प्रदर्शन किया.

नोटबंदी के खिलाफ प्रदर्शन.

नोटबंदी के 3 साल पूरे होने पर कांग्रेस के केंद्रीय नेताओं ने भाजपा पर जमकर वार किए और मोदी सरकार के नोटबंदी के फैसले पर सवाल भी खड़े किए. तमाम राज्यों में भी भाजपा का इस मुद्दे पर खूब विरोध हुआ, लेकिन उत्तराखंड कांग्रेस ने विरोध के नाम पर एक भी कार्यक्रम नहीं रखा.

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह पार्टी कार्यालय में ही सुबह से डटे रहे, लेकिन नोटबंदी पर न तो कोई प्रेस कॉन्फ्रेंस की गयी और न ही जनता में संदेश देने के लिए कोई विरोध या प्रदर्शन किया गया. हालत यह रही कि पार्टी के अंदर नेता भी प्रदेश संगठन की चुप्पी पर कानाफूसी करते दिखे. सवाल यह उठता है कि क्या उत्तराखंड में कांग्रेस अपने इस रवैए से भाजपा के सामने टिक पाएगी. और प्रदेश में कांग्रेस का सरकार को वॉकओवर देने का यह रवैया उसके मित्र विपक्ष के होने के रूप में क्यों न देखा जाए.

ऋषिकेश में नेताओं ने जताया विरोध
ऋषिकेश में कांग्रेसियों ने आज नोटबंदी की तीसरी बरसी मनाते हुए आज के दिन को काला दिवस घोषित किया. साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोला. कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष जोत सिंह बिष्ट ने कहा कि नोटबंदी के कारण ही आज देश का युवा बेरोजगार हो गया है, वहीं देश मंदी की मार झेल रहा है. बिष्ट ने प्रेस के माध्यम से बताया कि पीएम नरेंद्र मोदी ने 3 वर्ष पहले एक तुगलकी फरमान जारी करते हुए नोटबंदी कर 500 और 1000 रुपए के नोट चलन से बाहर करने की घोषणा की थी जिसके बाद देश में अफरा-तफरी का माहौल हो गया था.

नोटबंदी की वजह से मध्यम व गरीब वर्ग के लोगों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा था. नोटबंदी की खबर मिलने के बाद जनता सड़कों पर थी और बैंकों के बाहर लंबी-लंबी लाइन में लगकर परेशान हुई थी. प्रधानमंत्री द्वारा यह कहा गया था कि नोटबंदी करने का मुख्य उद्देश्य काला धन बाहर लाना है, लेकिन इसमें कोई भी सफलता हासिल नहीं हुई.

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उन्होंने प्रधानमंत्री पर करारा हमला बोलते हुए कहा कि नोटबंदी की वजह से देश की स्थिति बद से बदतर हो गई थी. हालात यह हो गए थे कि छोटे व्यापारी बर्बादी की कगार पर पहुंच गए थे. वहीं उन्होंने यह भी कहा कि नोटबंदी के तुरंत बाद पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि बिना सोचे समझे भारत सरकार का नोटबंदी का फैसला देश की अर्थव्यवस्था के लिए भविष्य में अत्यंत नुकसानदेह साबित होगा, जो बिल्कुल सही साबित हुआ.

हल्द्वानी में एनएसयूआई ने फूंका पुतला
दूसरी ओर कांग्रेस की छात्र इकाई एनएसयूआई ने यहां केंद्र सरकार का पुतला फूंका. एनएसयूआई नेताओं ने कहा कि नोटबंदी के बाद देश में बेरोजगारी और आर्थिक मंदी का दौर जारी है. एनयूसीआई ने नोटबंदी की तीसरी बरसी बताकर हल्द्वानी में सड़कों पर जुलूस निकाला और केंद्र सरकार का पुतला फूंका.

एनएसयूआई के जिलाध्यक्ष विशाल भोज के नेतृत्व में छात्रों ने हल्द्वानी में केंद्र सरकार के खिलाफ सड़कों पर प्रदर्शन किया. केंद्र की मोदी सरकार का पुतला फूंक अपना विरोध जताया. प्रदर्शनकारियों का कहना था कि नोटबंदी के बाद देश में हालात और खराब हो चुके हैं.

नोटबंदी की वजह से देश में भारी मंदी आ चुकी है लोग बेरोजगार हो रहे हैं ऐसे में नोटबंदी का पीएम मोदी द्वारा लिया गया फैसला देश को पीछे की ओर ले जा रहा है.मोदी सरकार अपने वादों पर खरी नहीं उतरी है. केंद्र की मोदी सरकार हर मामले में फेल हो साबित हो रही है. ऐसे में अब आने वाले समय में जनता बीजेपी सरकार से जवाब मांगेगी.

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