देहरादून: उत्तराखंड राज्य में पूर्ववर्ती सरकार के दौरान हुए चावल घोटाले का मामला एक बार फिर चर्चाओं है. मगर अब चावल घोटाले के साथ-साथ एनएच और सिडकुल घोटाले को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष में आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है. मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के भ्रष्टाचार खत्म करने के बयान के बाद कांग्रेस के तेवर कड़े हो गये हैं. कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष इस मामले में सरकार को घेरने में लगे हैं.
पूर्व की सरकार के खाद्य मंत्री और मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष कांग्रेस प्रीतम सिंह ने साल 1952 से लेकर 2020 तक अपने परिवार की संपत्ति की जांच कराने की सरकार से मांग करते हुए सभी नेताओं के संपत्ति की जांच कराने की बात कह रहे हैं, तो वहीं सत्ता पक्ष के नेता, कांग्रेस से भाजपा सरकार के जीरो टॉलरेंस की नीति की प्रशंसा और सहयोग की बात कह रहे हैं.
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कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने भाजपा सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि सरकार एनएच घोटाला मामले पर सीबीआई जांच की बात कर रही थी लेकिन सीबीआई जांच नहीं हुई. जबकि, सदन के भीतर खुद मुख्यमंत्री ने सीबीआई जांच की बात कही थी. इसी तरह सिडकुल घोटाले की भी जांच चल रही है. उन्होंने ही बताया कि जांच रिपोर्ट आने के बाद जो दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. साथ ही भ्रष्टाचार के मामले पर सीएम पर हमला बोलते हुए प्रीतम सिंह ने कहा कि भाजपा सरकार सर से पांव तक भ्रष्टाचार में डूबी हुई है.
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लोकायुक्त लाने से क्यों डर रही है सरकार
प्रीतम सिंह ने कहा मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत 100 दिन के भीतर लोकायुक्त लाने की बात कह रहे थे, उसे आज साढ़े 3 साल से ज्यादा का समय हो गया, मगर अभी तक प्रदेश में लोकायुक्त की नियुक्ति नहीं हुई है. उन्होंने कहा मौजूदा समय में जनता को भाजपा सरकार के बारे में सब पता चल गया है. 2022 में इस सरकार की विदाई भी तय है.