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संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए शिक्षकों ने की बैठक, सरकार से सामने रखीं कई मांगें

बैठक में सर्वसम्मति से कहा गया कि संस्कृत निदेशालय में संस्कृत के लोगों को ही निदेशक पद पर नियुक्त किया जाए. जो संस्कृत और संस्कृत महाविद्यालय की समस्याओं को ठीक से समझ सकें और उनका निदान भी कर सकें.

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Published : Nov 12, 2019, 4:39 PM IST

Updated : Nov 12, 2019, 11:16 PM IST

बैठक करते शिक्षक

हल्द्वानी:सनातन संस्कृत महाविद्यालय में एक दिवसीय प्रदेश स्तरीय शिक्षक समिति की बैठक हुई. प्रदेश के सभी जिलों के पदाधिकारियों ने भाग लेकर संस्कृत शिक्षा के विकास पर चर्चा की. इस दौरान संस्कृत मंत्रालय में संस्कृत के लोगों को ही नियुक्ति देने की मांग उठाई गई.महाविद्यालय के अध्यक्ष ओम प्रकाश पुरवाल ने कहा कि संस्कृत राज्य की द्वितीय राजभाषा है. ऐसे में संस्कृत शिक्षा को और आगे ले जाने की जरूरत है. इसे बढ़ाने के लिए सरकार को प्रयास करने चाहिए.

शिक्षकों ने की बैठक

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बैठक में सर्व सहमति से कहा गया कि संस्कृत निदेशालय में संस्कृत के लोगों को ही निदेशक पद पर नियुक्त किया जाए. जो संस्कृत और संस्कृत महाविद्यालय की समस्याओं को ठीक से समझ सकें और उनका निदान भी कर सकें.
नैनीताल जिला संस्कृत शिक्षक महामंत्री डॉक्टर नवीन चंद्र जोशी ने बताया कि संस्कृत के विकास के लिए सरकार द्वारा धरातल पर कोई काम ठीक से नहीं किया जा रहा है. संस्कृत महाविद्यालयों में अध्यापक की भारी कमी है. जिसके चलते संस्कृत की पढ़ाई में बाधा उत्पन्न हो रही है. ज्यादातर विद्यालयों में संस्कृत शिक्षकों के पद खाली पड़े हैं. उन्होंने सरकार से संस्कृत शिक्षा को लेकर कोई ठोस कदम उठाने की मांग की.

Last Updated : Nov 12, 2019, 11:16 PM IST

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