वाराणसी : महिलाओं को लेकर केंद्र सरकार जितने भी दावे करती नजर आ रही है, उन दावों का असर खुद प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र में होता नजर नहीं आता. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र की बेटियों ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस से पहले यह अपील की है कि उनकी सुरक्षा पर भी ध्यान दिया जाए.
अपनी सुरक्षा की मांग पर खुलकर बोलीं वाराणसी की बेटियां. वाराणसी की बेटियां आज भी खुद को सुरक्षित महसूस नहीं करती हैं. महिलाओं को लेकर किए जा रहे कार्यों में महिलाएं सुरक्षा व्यवस्था को सम्मिलित करने के लिए अपील कर रही हैं और जो योजनाएं पहले से चल रही हैं, उनके प्रति गंभीरता बढ़ाने की भी बात वह इस अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर प्रधानमंत्री के सामने रख रही हैं.
प्रधानमंत्री का संसदीय क्षेत्र वाराणसी न सिर्फ राजनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि इसकी महत्ता इस बात से भी आंकी जा सकती है कि यहां रोजाना ही न जाने कितने देश-विदेश के सैलानी आते हैं. ऐसे हाल में वाराणसी में महिलाओं की सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता होनी चाहिए, लेकिन हालात कुछ उल्टे ही हैं. वाराणसी की बेटियां खुद को शहर में सुरक्षित महसूस नहीं करती हैं.
केंद्र सरकार यूं तो कितने ही दावे करती नजर आती है पर जमीनी हकीकत यह है कि वाराणसी में लड़कियों की सुरक्षा पर किसी का ध्यान नहीं जा रहा है. सूरज ढलने के बाद लड़कियां अपने घरों से निकलना सुरक्षित महसूस नहीं कर रही हैं. बाहर से आकर बनारस में काम करने वाली लड़कियों का भी यही कहना है कि जब तक दिन रहता है, तब तक तो वह आजादी से थोड़ा बहुत घूम फिर भी लेती हैं पर सूरज ढलते ही उन्हें घर से बाहर कदम रखने में भी डर रहता है.
ईव टीजिंग, छेड़छाड़ और महिलाओं पर की जाने वाली अवांछित टिप्पणी से वह खुद को नहीं बचा पाती और न ही कोई और उनकी मदद के लिए कभी आगे आता है. इस अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर पीएम के संसदीय क्षेत्र की बेटियां चाहती हैं कि खुद प्रधानमंत्री इस बात पर ध्यान दें और बनारस को महिलाओं के लिए एक सुरक्षित जगह बनाएं.