वाराणसी: भारत की प्राचीन हस्तकला की परंपरा में उत्तर प्रदेश का योगदान अतुलनीय है. ऐसे में ब्रांड यूपी को एक नया आयाम देने के लिए वाराणसी के दीन दयाल उपाध्याय हस्तकला संकुल में उत्तर प्रदेश जीआई प्रोडक्ट्स एक्सपो-2021 का आयोजित किया जा रहा है. यह एग्जीबिशन 24 जनवरी 2021 तक चलेगा. इस दौरान उठते प्रदेश के 28 जीआई टैग वाले उत्पाद प्रदर्शित किए गए हैं. इस प्रदर्शनी में राज्य के विभिन्न उत्पादों के भौतिक और आभासी स्टॉल प्रदर्शित किए जा रहे हैं, जिनका अवलोकन भौतिक और वर्चुअल दोनों ही रूपों में किया जा सकता है. इस प्रदर्शनी का आयोजन यूपी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल, उत्तर प्रदेश सरकार, फेडरेशन ऑफ इंडियन चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) के संयुक्त तत्वाधान में किया जा रहा है.
यूपी के उत्पादों को देख रहे दुनिया भर के खरीदार
एग्जीबिशन के पहले दिन 'डिटेल्ड डिस्कशन ऑन ज्योग्राफिकल इंडीकेशन' नाम से जीआई टैग के महत्व पर विस्तृत चर्चा हुई. इस चर्चा में एग्जीबिशन में आए जीआई प्रोडक्ट्स के उत्पादक शामिल हुए, साथ ही इस परिचर्चा को डिजिटल माध्यम से विश्व के कोने-कोने में बैठे खरीदारों ने भी देखा.
उत्तर प्रदेश जीआई प्रोडक्ट्स एक्सपो-2021 खरीददारों और विक्रेताओं को परस्पर संवाद का माध्यम
इस मौके पर डिप्टी कमिश्नर इंडस्ट्रीज वीरेंद्र कुमार ने बताया, यह भौतिक और वर्चुअल प्रदर्शनी राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय खरीददारों और विक्रेताओं को परस्पर संवाद का बेहद प्रभावी मंच प्रदान कर रहा है. उन्होंने आम जनता से भी अपील की कि जीआई टैग अपने आप मे गुणवत्ता की गारंटी है और इस प्रदर्शनी में एक से एक अनूठे और गुणवत्ता वाले उत्पाद विक्रय के लिए प्रदर्शित किए जा रहे हैं, जिनकी खरीददारी आम जनता भी कर सकती है.
हस्तशिल्पियों दी जाएगी ट्रेनिंग
एगीजीबिशन के दौरान जीआई उत्पादों के लिए तकनीकी उन्नयन प्रशिक्षण कार्यक्रम में 240 हस्तशिल्पियों को प्रशिक्षण देने के साथ साफ्ट स्किल ट्रेनिंग में 600 हस्तशिल्पियों एवं विभिन्न डिजाइन वर्कशाप में 270 हस्तशिल्पियों को प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा. इस दौरान 2000 हस्तशिल्पियों को उन्नत टूलकिट भी प्रदान किए जाएंगे. साथ ही विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजनान्तर्गत 300 लाभार्थियों को टूलकिट प्रदान किए जाएंगे. इसके अलावा ओडीओपी टूलकिट प्रशिक्षण योजनान्तर्गत 300 लाभार्थियों को हैण्डलूम टूलकिट प्रदान किये जायेंगे. एग्जीबिशन के दौरान पीएमईजीपी, एमवाईएसवाई, ओडीओपी मार्जिन मनी ऋण योजनान्तर्गत प्रत्येक योजना के दो लाभार्थियों को चेक भी वितरित किए जाएंगे.
इस प्रदर्शनी के दौरान विक्रेताओं को ऑनलाइन वर्चुअल प्लेटफॉर्म के माध्यम से जीआई प्रोडक्ट्स से जुड़े पहलुओं पर ट्रेनिंग भी दी जा रही है. एग्जीबिशन में प्रदर्शनी में दरी (आगरा), ब्लैक पॉटरी (आजमगढ़), हस्तनिर्मित कालीन (भदोही), खुर्जा पॉटरी (बुलंदशहर), प्रिंट, बेडशीट (फर्रुखाबाद), कांच की बनी वस्तुएं ( फिरोजाबाद), हस्त निर्मित दरियां( मिर्जापुर), चिकनकारी (लखनऊ), आर्ट मेटल वर्क (मुरादाबाद), सुरखा अमरूद (प्रयागराज) इत्र (कन्नौज), चमड़े से बनी वस्तुएं (कानपुर), टेराकोटा (गोरखपुर) जूट वाल हैंगिंग (गाजीपुर), पत्थर की शिल्पकला (वाराणसी), मेटल रिपोजी, बनारस ब्रोकेड (वाराणसी), लकड़ी के खिलौने (वाराणसी), गुलाबी मीनाकारी (वाराणसी), पंजादारी (वाराणसी), ग्लास बीड्स (वाराणसी), ज़री जरदोजी (वाराणासी) काष्ठ शिल्प कला (वाराणसी) ब्लैक पॉटरी (आजमगढ़) जैसे हस्तशिल्प उत्पादों के अलावा सिद्धार्थनगर का काला नमक चावल भी प्रदर्शित किया गया है, जिसे जीआई टैगिंग प्राप्त है.