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वाराणसी: बीएचयू में सत्याग्रह पर बैठे छात्र ने बिहार के मुख्यमंत्री को लिखा पत्र

यूपी के वाराणसी में काशी हिंदू विश्वविद्यालय का छात्र कोरोना को लेकर प्रवेश परीक्षा निरस्त कराने की मांग को लेकर 13 अगस्त से सत्याग्रह पर बैठा है. बीएचयू के छात्र नीरज राय ने बिहार के मुख्यमंत्री को इस संदर्भ में पत्र लिखा है.

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Published : Aug 19, 2020, 3:49 PM IST

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बीएचयू में सत्याग्रह पर बैठा छात्र.

वाराणसी:काशी हिंदू विश्वविद्यालय का छात्र प्रवेश परीक्षा निरस्त कराने की मांग को लेकर 13 अगस्त से सत्याग्रह पर बैठा है. वैश्विक महामारी की वजह से सभी शिक्षण संस्थान बंद हैं. भारत में भी आईआईटी जैसे संस्थानों ने दिसंबर तक नियमित कक्षाएं टाल दी हैं. नए सत्र की परीक्षा अभी विलंब है. ऐसे में बीएचयू प्रवेश परीक्षा कराकर छात्रों के जीवन के साथ खिलवाड़ कर रहा है. देश ही नहीं बल्कि विदेश से भी छात्र बीएचयू में पढ़ने आते हैं. ऐसे में बिहार से छात्र भी बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी में पढ़ते हैं.

बीएचयू के छात्र नीरज राय ने बिहार के मुख्यमंत्री को इस संदर्भ में पत्र लिखा है. कोरोना महामारी का कहर पूरे विश्व पर जारी है. भारत में संक्रमण लगातार बढ़ रहे हैं. बिहार राज्य में संक्रमण का आंकड़ा एक लाख पार हो गया है. इसके साथ ही बिहार कोरोना वायरस के आंकड़े को पार करने वाला देश का आठवां राज्य बन गया है. बिहार पर न सिर्फ महामारी आपदा है. बल्कि बाढ़ दोहरी आपदा बनकर आई है. बिहार के 16 जिले बाढ़ की चपेट में हैं.

बाढ़ से प्रभावित हैं जिले
अब तक 25 लोगों की जान जा चुकी है. 70 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं. आपदा प्रबंधन विभाग से जानकारी के मुताबिक सीतामढ़ी, शिवहर, सुपौल, किशनगंज, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, पूर्वी चंपारण जिले प्रभावित हैं. पश्चिम चंपारण खगड़िया, सारण, समस्तीपुर सिवान, मधुबनी, मधेपुरा एवं सहरसा जिले की आबादी बाढ़ से प्रभावित हैं. इसके अलावा अन्य जिले आंशिक रूप से बिहार की गंभीर स्थिति को देखते हुए 6 सितंबर लॉकडाउन घोषणा कर दी गई है.

बिहार से आते हैं लाखों छात्र
छात्र ने लिखा है कि बिहार राज्य के लाखों छात्र बीएचयू प्रवेश परीक्षा में शामिल होते हैं. हजारों की संख्या में पढ़ने आते हैं. परीक्षा में संक्रमण व परीक्षार्थियों के आवागमन से जुड़े स्वास्थ्य संबंधित खतरों को न्यूनतम स्तर पर ले गए बिना प्रवेश परीक्षा शुरू करना लाखों छात्रों के साथ अन्याय है. समस्याओं को ध्यान में रखते हुए राज्य में किसी भी प्रकार की परीक्षा आयोजित न कराई जाए. साथ ही अपने राज्य के छात्रों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए काशी हिंदू विश्वविद्यालय प्रशासन और सरकार से महामारी के दौरान परीक्षा न कराने की मांग करें.

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