वाराणसी :प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वाराणसी से सांसद चुने जाने के बाद शहर में बहुत से ऐसे काम भी शुरू हुए जिनका काफी समय से इंतजार था. बनारस में तेजी से बढ़ रहे पॉल्यूशन को कम करने के लिए पहले बड़े स्तर पर प्रयास नहीं हुए थे, लेकिन अब इस काम में 10 करोड़ से ज्यादा खर्च करने की तैयारी है. इसके लिए वाराणसी के अलग-अलग रास्तों, चौराहों, गलियों और शहर के अधिकांश हिस्सों की जीआईएस (ज्योग्राफिकल इंफार्मेशन सिस्टम) मैपिंग करने का काम शुरू हो चुका है. यह बनारस के उन प्वाइंट को उजागर करेगा जहां वायु और ध्वनि प्रदूषण का स्तर मानक से बहुत ज्यादा है.
दरअसल, प्रधानमंत्री कार्यालय की तरफ से वाराणसी के हर कार्य की विशेष निगरानी की जाती है. वाराणसी में चल रहे विकास कार्यों के दौरान प्रदूषण के स्तर की निगरानी भी पीएमओ लगातार करता रहता है. यही वजह है कि वाराणसी में प्रदूषण को कंट्रोल करने के लिए केंद्र और प्रदेश सरकार दोनों मिलकर लगातार प्रयास करती रहती हैं. वाराणसी में नदियों के प्रदूषण को कम करने के लिए एसटीपी का प्लान तेजी से लागू किया जा रहा है, लेकिन अब वाराणसी में वायु और ध्वनि प्रदूषण को खत्म करने के लिए भी तेजी से काम शुरू हो गया है.
प्रवर्तन दस्ता तैयार :नवंबर के पहले शहर के सभी प्वाइंट को चिन्हित करने के साथ यहां पर प्रदूषकों की मात्रा का पता लगाने के प्रयास किए जा रहे हैं. इस बारे में नगर आयुक्त शिपू गिरी का कहना है कि पर्यावरण सुरक्षा की दृष्टि से प्रवर्तन दस्ता तैयार किया जा रहा है. नगर निगम पर्यावरण प्रदूषण रोकथाम के लिए विभिन्न कार्यक्रम चलाने जा रहा है. इसके लिए नगर निगम जगह-जगह पर मैपिंग के जरिए पॉल्यूशन के मानकों का पता लगाने का काम करेगा. इस कार्य के लिए 4 सदस्य टीम लखनऊ से बनारस आई थी और एयर पॉल्यूशन ग्रुप की इस टीम ने शहर के प्रमुख मार्गों और चौराहों का जीआईएस मैपिंग के लिए सर्वे शुरू किया है. इस सर्वे का कार्य कुछ टीमें अलग होकर अपने स्तर पर कर रहीं हैं. अब तक शहर में 2 दर्जन से ज्यादा प्वाइंट चिन्हित हुए हैं और इसकी संख्या भी और तेजी से बढ़ेगी.
इस कार्य को देखने वाले नगर निगम के अधिकारी अजय कुमार का कहना है कि यह टीम लगातार अपने स्तर पर कार्य कर रही है. शासन ने 15वें वित्त आयोग से 4 करोड़ रुपए नगर निगम को ग्रीनरी बढ़ाने के साथ ही वन विभाग को भी ग्रीनरी बढ़ाने के उद्देश्य से दिए हैं ताकि वायु प्रदूषण की रोकथाम की जा सके. अधिकारियों का कहना है कि शहर में ध्वनि प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए भी चार स्थानों पर मॉनिटरिंग स्टेशन बनाने की प्लानिंग की जा रही है, ताकि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और नगर निगम मिलकर वायु और ध्वनि प्रदूषण दोनों पर रोक लगा सके.