वाराणसी: वैश्विक महामारी कोविड-19 ने पूरे भारत वर्ष के मजदूरों को मीलों पैदल चलने के लिए मजबूर कर दिया है. लॉकडाउन के बाद लगातार मजदूर पैदल, साइकिल और बैलगाड़ी से अपने गांव की तरफ लौट रहे हैं. इस दौरान कई समाजसेवी संस्थाएं गरीब, मजदूर, असहाय लोगों की मदद भी कर रही हैं. ऐसा ही कुछ वाराणसी में भी देखने को मिला है, जहां एक संस्था से जुड़े कुछ लोग प्रवासी मजदूरों की मदद कर रहे हैं. जिले के समाजसेवी धर्मेंद्र सिंह ने लॉकडाउन के बाद से ही नेशनल हाईवे पर पैदल जा रहे प्रवासी मजदूरों को जूते-चप्पल और खाने की चीजें बांट रहे हैं.
सोशल मीडिया से लेकर अखबारों और न्यूज चैनलों पर मजदूरों के दर्द को दिखाया जा रहा हैं. लिहाजा वाराणसी के नेशनल हाईवे पर नंगे पांव चल रहे प्रवासी मजदूरों को समाजसेवी धर्मेंद्र सिंह चप्पल-जूते बांट रहे हैं. ताकि मजदूरों को यह लंबा सफर तय करते समय पैरों में छाले न पडे़.
वाराणसी: नेशनल हाईवे पर नंगे पांव चल रहे हैं मजदूरों के लिए ये व्यक्ति बना मसीहा
लॉकडाउन में कई मजदूर अपने घर वापसी के लिए मीलों पैदल चलकर जा रहे हैं. इस दौरान उनके चप्पल-जूते भी टूट जा रहे हैं. नंगे पांव ही सही मजदूर अपनी मंजिल की ओर बढ़ रहे हैं. वाराणसी के नेशनल हाईवे पर नंगे पांव चल रहे प्रवसी मजदूरों को समाजसेवी धर्मेंद्र सिंह चप्पल-जूते बांट रहे हैं.
समाजसेवी धर्मेंद्र सिंह प्रवासी मजदूर और बच्चों को दिए जूते और चप्पल
समाजसेवी धर्मेंद्र सिंह के बताया कि इस चिलचिलाती धूप में पथरीले रास्तों पर नंगे पांव चलकर मजदूर अपने घरों की तरफ लौट रहे हैं. हम लोग कामगारों के परिवार को राहत देने की एक छोटी सी कोशिश करने का प्रयास कर रहे हैं. हम इनके दुखों को कम नहीं कर सकते, लेकिन छोटा सा प्रयास कर सकते हैं.