वाराणसी: काशी धर्म और अध्यात्म की नगरी होने के साथ-साथ संगीत की भी नगरी है. यहां का संगीत घराना अपने आप में खास है. यहां के संगीत घरानों के दिग्गज गायकों ने अपनी हर गायन शैली से बनारस संगीत घराने का नाम रोशन किया और उसे विश्व पटल पर एक अलग पहचान दी. खास बात यह है कि अब वाराणसी की संगीत विधा को आम जनमानस भी आसानी से समझ और जान सकेंगे. यहां के संगीत घराने को लेकर के वाराणसी के महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ विश्वविद्यालय में एक नए कोर्स की शुरुआत की जा रही है.
पढ़ाया जाएगा बनारस का संगीत घराना
नई शिक्षा नीति के तहत महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ परिसर में बच्चों को संगीत की पारंपरिक शिक्षा दी जाएगी, जिसमें बनारस की धरोहर यहां के संगीत घराने की विधा सिखाई जाएगी. इसके साथ ही बनारस के स्थानीय स्तर से जुड़ी जो अन्य कलाएं हैं, उसके बारे में भी बच्चों को शिक्षा दी जाएगी. इस बाबत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर एके त्यागी ने बताया कि विश्वविद्यालय में कई सारे नए कोर्स की शुरुआत हो रही है. जिसमें एक पाठ्यक्रम संगीत से संबंधित है. संगीत के पाठ्यक्रम में बनारस घराने को विद्यार्थी पढ़ और समझ सकेंगे साथ ही इस पर शोध भी कर सकेंगे. इसको लेकर के नए सत्र से इसकी शुरुआत हो रही है. इसके साथ ही बनारस से जुड़ी जो अन्य स्थानीय संस्कृति और कलाए हैं, उस पर भी कोर्स शुरू किया जाएगा. इसमें जरदोजी, पॉटरी, हैंडीक्राफ्ट समेत अन्य कोर्स शामिल हैं. उन्होंने बताया कि इस कोर्स का मुख्य उद्देश्य बनारस की संस्कृति को संरक्षित कर यहां की कलाओं से विद्यार्थियों की पहचान कराना है.