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लॉकडाउन का सदुपयोग, बच्चों को मिल रही कला, संस्कृति, और सभ्यता की शिक्षा

लॉकडाउन से भोले बाबा की नगरी वाराणसी में काफी लोग परेशान हैं, तो वहीं एक परिवार ऐसा भी है, जो इस मुश्किल की घड़ी में दूसरों की भलाई में बहुमूल्य भूमिका निभा रहा है.

लॉकडाउन का सदुपयोग.
लॉकडाउन का सदुपयोग.

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Published : Apr 11, 2020, 1:37 PM IST

वाराणसी: लॉकडाउन के दौरान लोग घरों में रहने को मजबूर हैं. लेकिन इस मुश्किल की घड़ी में कुछ लोग ऐसे भी हैं, जो अपने समय का उपयोग दूसरे विकास के लिए कर रहे हैं. दरअसल, ऐसा ही एक घर वाराणसी में हैं. जो इस 21 दिन के लॉकडाउन का सदुपयोग कर, घर बैठे दूसरे को शिक्षा दे रहे है. साथ ही अपनी संस्कृति और परंपरा को बढ़ावा दे रहा है.

लॉकडाउन का सदुपयोग.

बनारस की संस्कृति और कला के लिए समर्पित यह परिवार लॉकडाउन में बैठकर कलाकृतियां बना रहा है. इस दौरान भारतीय, वैस्टर्न कल्चर को एक साथ प्रस्तुत किया जा रहा है. इसमें सांस्कृतिक नृत्य, पेंटिंग, गिटार बजाया जा रहा है और इन्हें ऑनलाइन के माध्यम से छात्रों को सिखाया जा रहा है.

लॉकडाउन का करें सदुपयोग

कलाकार मानती शर्मा ने बताया कि वो कोरोना के भय से मुक्त अपनी रचनात्मकता से स्वस्थ दुनिया में सुखद महसूस कर रही हैं. वो इस समय का सदुपयोग कर, पेटिंग, सिंगिग के साथ-साथ डांस कर रही हैं और दूसरे को भी सीखा रही हैं.

स्टुडियो से ऑनलाइन डिमांस्ट्रेशन

पंकज वर्मा ने बताया कि वे घर बैठे प्रशिक्षु को अपने स्टुडियो से ऑनलाइन डिमांस्ट्रेशन दे रहे हैं, जिससे लॉकडाउन के समय में बच्चों का अच्छा विकास हो सके और वे इस लॉकडाउन में बोरियत महसूस न करें.

घर बैठे सकरात्मक सोच का करें विकास

मूर्तिकार राजेश कुमार ने बताया कि लोगों के पास इस समय घरों में बहुत कुछ है रचनात्मक करने के लिए है. इस लॉकडाउन के समय में घर के बुजुर्गों और छोटे-बच्चों का विशेष ध्यान रखने की भी जरूरत है. घर की साफ-सफाई और मनोरंजन के साथ सकारात्मक सोच बनाए रखना भी सबसे अहम है. हम घरों में रहकर इस वैश्विक महामारी से विजय प्राप्त कर सकते हैं.

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