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बजट से पहले ओम प्रकाश राजभर ने योगी सरकार को दिए ये सुझाव

योगी सरकार के अंतिम बजट से पहले योगी कैबिनेट में मंत्री रह चुके ओम प्रकाश राजभर ने सरकार को कुछ सुझाव दिए हैं. ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि बजट ऐसा हो, जिसमें महंगाई से राहत के साथ महिलाओं को सुरक्षा मिले.

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Published : Feb 21, 2021, 2:13 AM IST

ओम प्रकाश राजभर ने दिए सुझाव.
ओम प्रकाश राजभर ने दिए सुझाव.

वाराणसी:उत्तर प्रदेश सरकार 22 फरवरी को अपना अंतिम पूर्ण बजट पेश करने जा रही है. यूपी सरकार की तरफ से बजट पेश करने को लेकर ईटीवी भारत लगातार बजट पर कवरेज कर रहा है. इस क्रम में यूपी का बजट कैसा हो और किन बातों का ध्यान रखना चाहिए, इसे लेकर भारतीय जनता पार्टी की सहयोगी पार्टी रह चुकी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी सरकार में पूर्व कैबिनेट मंत्री रह चुके ओमप्रकाश राजभर ने अपने सुझाव दिए हैं. ओपी राजभर ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए बजट में महंगाई, शिक्षा, रोजगार के साथ पुलिसिंग और महिला सुरक्षा को बेहतर बनाने पर जोर दिया है.

ओम प्रकाश राजभर ने दिए सुझाव.
पेट्रोल-डीजल पर कम हो टैक्स
योगी मंत्रिमंडल में कैबिनेट मंत्री का पद संभाल चुके ओपी राजभर ने बजट में सबसे ज्यादा महत्व महंगाई पर रोकथाम के लिए दिया है. उन्होंने साफ तौर पर कहा कि जनता इस समय महंगे डीजल और पेट्रोल से परेशान है. केंद्र सरकार की तरफ से टैक्स लिए जाने के बाद यूपी सरकार भी काफी ज्यादा टैक्स वसूल रही है. जीएसटी समेत अन्य टैक्स के नाम पर जनता की जेब पर बोझ पड़ रहा है. इसलिए इस बजट में कुछ ऐसा प्रावधान होना चाहिए, जिससे डीजल और पेट्रोल समेत ईंधन पर लग रहा टैक्स कम किया जा सके. इससे जनता को बड़ी राहत मिलेगी और महंगाई पर लगाम लगेगी.
डिजिटल इंडिया बाद में पहले शिक्षा पर दें ध्यान
ओम प्रकाश राजभर ने यूपी सरकार की तरफ से पेश किए जाने वाले अंतिम बजट में शिक्षा पर विशेष जोर देने की मांग की है. उनका कहना है कि डिजिटल एजुकेशन की बात करने वाली सरकार को पहले यह ध्यान देना चाहिए कि शिक्षा का स्तर क्या है? उत्तर प्रदेश में आज भी बहुत से ऐसे गांव और बच्चे हैं, जहां डिजिटल इंडिया का सपना तो दूर शिक्षा की अलख भी नहीं जग रही है. इसलिए शिक्षा हर तक कैसे पहुंचे इस पर बजट में अलग से प्रावधान होना चाहिए, सरकार को दिल्ली, कर्नाटक, तमिलनाडु, समेत आंध्र प्रदेश से सीख लेनी चाहिए. यहां शिक्षा का स्तर काफी बेहतर हो चुका है. 98% तक शिक्षा का स्तर तमाम राज्यों में देखने को मिल रहा है. इसलिए सरकार को पहले शिक्षा के स्तर को सुधारकर हर तबके तक बेहतर शिक्षा पहुंचाने की कोशिश बजट के माध्यम से करनी चाहिए.
बेरोजगारी दूर हो, ऐसा हो बजट
ओम प्रकाश राजभर ने 22 फरवरी को पेश होने वाले बजट में रोजगार के लिए अलग से विशेष प्रावधान करने की भी मांग की है. उनका कहना है कि सरकार को कुछ ऐसी व्यवस्था करनी चाहिए कि युवाओं को दूसरे राज्यों की तरफ न जाना पड़े. उन्होंने कहा कि लघु और कुटीर उद्योग को कैसे बढ़ावा मिले. लोगों तक रोजगार कैसे पहुंचे, इस पर ध्यान देने वाला बजट होना चाहिए.
महिला सुरक्षा पर विशेष ध्यान
ओम प्रकाश राजभर ने बजट में महिला सुरक्षा के लिए विशेष प्रावधान करने की भी मांग की है. उनका साफ तौर पर कहना है कि सरकार भले ही ढोल पीट रही हो, लेकिन महिला सुरक्षा के मामले में सरकार पूरी तरह से फेल है. उन्नाव में हुई घटना, हाथरस की घटना और 2 दिन पहले गाजीपुर में एक नाबालिग के साथ हुई घटना ने साफ कर दिया है कि महिला सुरक्षा के मामले में सरकार कुछ भी नहीं कर पा रही है. इसलिए इस बजट में महिला सुरक्षा के लिए एक अलग प्रावधान होना चाहिए. पुलिसिंग बेहतर करने के प्रयास सरकार को इस बजट में हर हाल में करने चाहिए.
बजट के जरिए बदलनी चाहिए पुलिस नियमावली
ओम प्रकाश राजभर ने सबसे बड़ा सुझाव और मांग यह रखी है कि आजादी के इतने साल बाद भी पुलिस का वर्किंग स्टाइल नहीं बदल रहा है. इसलिए इस बजट के जरिए सरकार को कुछ ऐसे प्रावधान करने चाहिए, जिससे पुलिस नियमावली में भी बदलाव हो. आज मोटरसाइकिल के युग में पुलिस वालों को 200 रुपये साइकिल भत्ता दिया जा रहा है, तो पुलिस आखिर गस्त कैसे करेगी. इसमें बदलाव बेहद जरूरी है. इतना ही नहीं उन्होंने बॉर्डर से दूर पुलिस वालों की तैनाती पर भी सोचने की बात कही है.

ओपी राजभर का कहना है कि दूसरे जिले में तैनात पुलिसकर्मी को दूसरे दूर के जिले में तैनाती दी जाती है, जिसकी वजह से वह छुट्टियां लेकर अपने घर जाने के चक्कर में परेशान होता है. पुलिसिंग प्रभावित होती है. ओमप्रकाश राजभर ने बिना मतलब के नेताओं को सुरक्षा दिए जाने पर भी सवाल उठाए हैं. उनका कहना है कि पुलिस वालों की स्ट्रेंथ का सही इस्तेमाल पुलिस नियमावली में बदलाव के साथ किया जाना चाहिए. जरूरत के हिसाब से ही सुरक्षा मुहैया करानी चाहिए न कि दलगत और व्यक्तिगत आधार पर.

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