उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

जल निकासी की समस्या से नाथूपुर निवासी परेशान, नहीं होती सुनवाई - people get face water logging in varanasi

वाराणसी के नाथूपुर इलाके में लोग जल निकासी की व्यवस्था न होने से परेशान हैं. इस इलाके की मूल समस्या गंदे पानी की निकासी है. यहां जल निकासी की व्यवस्था नहीं है. लोगों के घरों के सामने पानी इकट्ठा हो रहा है, जिससे बारिश के दिनों में लोगों का घरों से निकलना मुश्किल हो जाता है.

जल निकासी की समस्या से परेशान हैं नाथूपुर निवासी.
जल निकासी की समस्या से परेशान हैं नाथूपुर निवासी.

By

Published : Feb 26, 2021, 7:39 PM IST

वाराणसी:शहर से सटे इलाके नाथूपुर में लोग जल निवसी की समस्या से परेशान हैं. इलाके के लोगों का कहना है कि उन्होंने इस समस्या को लेकर कई बार जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों से गुहार लगाई, लेकिन हर बार बहाने बनाकर समस्या को टाला जाता रहा. आज हालात यह हैं कि बारिश के समय में इलाके की सड़कों से निकलना मुश्किल हो जाता है.

जल निकासी की समस्या से परेशान हैं नाथूपुर निवासी.

बता दें कि नाथूपुर पहले ग्रामसभा थी. हाल ही में हुए बदलाव के बाद नाथूपुर नगर निगम सीमा में शामिल हो चुका है, लेकिन दो विभागों की कागजी कार्यवाही में उलझा यह इलाका बीते लगभग 15 सालों से ज्यादा वक्त से पानी निकासी की गंभीर समस्या से जूझ रहा है. हर घर के बाहर जमा पानी आपको इस बात का सबूत भी दे देगा कि क्षेत्र में न नाला है न नाली. गंदा पानी कहां निकले, कैसे निकले यह किसी को नहीं पता. क्षेत्र के रहने वाले विवेक सिंह का कहना है कि अब तो इसी जिंदगी में जीने की आदत बन गई है.

हर घर के बाहर गड्ढे में जमा पानी, बनी मच्छरों की कॉलोनी
हर घर के बाहर खोदकर छोड़े गए गहरे गड्ढे में यह गंदा पानी जमा होता है, जिसके निकासी का कोई प्रबंध न होने की वजह से यह लोगों के लिए बीमारी का सबब बनता जा रहा है. कूड़ा-कचरा जमा होने के बाद गंदे पानी में मच्छरों की कॉलोनी डेवलप होती जा रही है. क्षेत्र के लोग इस वक्त बेहद परेशान हैं, क्योंकि सर्दी और गर्मी का संधि काल मच्छरों के पनपने का सबसे बेहतर समय होता है.

इस दौर में क्षेत्र के लोग मच्छरों की समस्या से तो परेशान हैं ही साथ ही पानी निकासी का प्रबंध कई सालों से न होने की वजह से अब फ्रस्टेड हो चुके हैं. हालात यह हैं कि क्षेत्र में महिलाएं और बच्चे तो घरों के बाहर निकलने से भी कतराते हैं. निकलते भी हैं तो मुंह पर रुमाल रखकर निकलना मजबूरी हो जाता है, क्योंकि गंदे पानी की बदबू लोगों का जीना मुहाल कर रही है और कहीं भूल से हल्की बारिश हो गई तो फिर मुसीबत का तो पूछिए मत.

कॉलोनी की रहने वालीं प्रीति राय सिंह का कहना है कि इस गंदगी में बच्चों को बाहर भेजना अब खतरे से खाली नहीं है. वही सोनी पांडेय का कहना है कि वह कई सालों से इस क्षेत्र में रह रही हैं, लेकिन समस्या का समाधान नहीं हो रहा है. ज्योति देवी मानती हैं कि बारिश न हो, लेकिन उस पर रोक कौन लगा सकता है. भगवान की मर्जी के आगे किसकी चलती है. वहीं क्षेत्र के ही रहने वाले मुन्ना यादव भी मानते हैं कि अब समस्या का निराकरण जरूरी है ताकि कई साल से झेली जा रही परेशानी से जनता निजात पा सके.

चल रही तैयारी, जल्द दूर होगी परेशानी
घरों के अंदर गंदा पानी भर जाता है और घर तालाब में तब्दील हो जाते हैं. यही वजह है कि क्षेत्र के लोग बस यही मनाते हैं कि बारिश न हो. लगातार लोगों के सामने यह समस्या बनी हुई है और इसे दूर करने कोई नहीं आगे आ रहा. हालांकि इस बारे में जब नगर निगम में अधिकारियों से बातचीत की गई तो उनका कहना था जो भी क्षेत्र ग्रामसभा से नगर निगम की सीमा में शामिल हुए हैं, उनकी लिस्ट तैयार की जा रही है. बजट आने के साथ ही इन क्षेत्रों में भी विकास के कार्य जल्द शुरू होंगे और जल्द ही लोगों को समस्याओं से मुक्ति भी मिलेंगी.

ABOUT THE AUTHOR

...view details