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नवरात्रि के पांचवें दिन करेंं स्कंदमाता देवी का ध्यान, मिलेगा विद्या का वरदान

चैत्र नवरात्रि के पांचवें दिन मां स्कंदमाता का पूजन किया जाता है. मां स्कंदमाता रूपी बागेश्वरी देवी को विद्या की देवी माना जाता है. यहां मां को नारियल चढ़ाने का विशेष महत्व है और चुनरी के साथ लाल गुड़हल की माला और मीठे का भोग भी मां को लगाया जाता है.

स्कंदमाता देवी

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Published : Apr 10, 2019, 8:07 AM IST

वाराणसी : नवरात्रि में देवी दर्शन के लिए मंदिरों में भक्तों की भीड़ बढ़ती हुई दिखाई दे रही है. पंचमी तिथि पर बागेश्वरी देवी मंदिर में चैत्र नवरात्रि के देवी के पांचवें स्वरुप मां स्कंदमाता के दर्शन का विधान है. वाराणसी में मां स्कंदमाता बागेश्वरी देवी के रूप में विद्यमान हैं. यहां मां स्कंदमाता का बागेश्वरी रूपी भव्य मंदिर स्थित है जोकि अति प्राचीन है. रात से ही मां के दर्शन के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ती है.

स्कंदमाता देवी के दर्शनों के लिए सुबह से ही जुटी भीड़.

मां स्कंदमाता रूपी बागेश्वरी देवी को विद्या की देवी माना जाता है. यहां मां को नारियल चढ़ाने का विशेष महत्व है और चुनरी के साथ लाल गुड़हल की माला और मीठे का भोग भी मां को लगाया जाता है. भक्तों का मानना है कि स्कंदमाता भक्तों को सद्बुद्धि और विद्या के अनुरूप वरदान देती हैं. माता के मंदिर में प्रसाद के रूप में नारियल इलायची देने के साथ-साथ किशमिश का वितरण होता है. स्कंदमाता का यह बागेश्वरी रूपी दुर्गा मंदिर सैकड़ों वर्षों से भक्तों की आस्था का केंद्र रहा है.

चैत्र और शारदीय दोनों ही नवरात्रि में मां स्कंदमाता के दर्शनों का विशेष महत्व है. इस समय भक्त मां का दर्शन और पूजन करते हैं. बागेश्वरी देवी रूपी मां स्कंदमाता उनकी मनोकामना पूरी करती हैं.

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