उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

अन्नदाता हुआ हाईटेक, जी-आई प्रोडक्ट में शामिल अनाज ई-कॉमर्स से जुड़े

किसानों की आय में इजाफा करने के लिए और उनको आधुनिकता से जोड़ने के लिए जी-आई प्रोडक्ट में शामिल अनाजों को ई-कॉमर्स से जोड़ा जा रहा है. जिससे कि किसान सीधे तौर पर विदेशों तक अपने अनाज निर्यात कर सकें. इसका किसानों को क्या फायदा होगा देखिए इस रिपोर्ट में -

By

Published : Sep 29, 2021, 8:25 PM IST

जी-आई प्रोडक्ट में शामिल अनाज ई-कॉमर्स से जुड़े
जी-आई प्रोडक्ट में शामिल अनाज ई-कॉमर्स से जुड़े

वाराणसी: किसानों के बेहतरी के लिए लगातार उनकी आय में इजाफा करने के लिए सरकार अलग-अलग कदम उठा रही है. इस मिशन में भारत और यूपी सरकार दोनों प्रयासरत हैं. पारंपरिक तरीके से किसानों को जहां उनकी फसलों के उचित दाम दिलाने की दिशा में काम हो रहा है तो वहीं अब किसानों को आधुनिकता से जोड़ते हुए यूपी देश के प्रमुख अनाजों को ई-कॉमर्स से भी जोड़ा जा रहा है. जिससे कि किसान सीधे तौर पर विदेशों तक अपने अनाज निर्यात कर सकें. इसके लिए सबसे पहले जी-आई प्रोडक्ट में शामिल अनाजों को ई- कॉमर्स से जोड़ा जा रहा है साथ ही अन्य अनाजों की जानकारी भी इसमें दी जा रही है. बड़ी बात ये है कि ऑनलाइन अनाजों की बिक्री का असर भी अब देखने को मिलने लगा है. इसका क्या फायदा होगा और कैसे किसान अपडेट हो रहे हैं, देखिये इस स्पेशल रिपोर्ट में -

ई-कॉमर्स से जुड़कर किसान हो रहे हाई-टेक

खेतों में काम करने वाले किसान अब हाई-टेक बनने जा रहे हैं. किसान और उनके उपजाए गए अनाज अब सीधे देश-विदेश तक पहुंच पाएंगे. विदेशों में बैठे खरीददार अब ऑनलाइन माध्यम से अनाज का ऑर्डर दे सकेंगे. इसके लिए उन्हें ई-कॉर्मस से अपडेट किया जा रहा है, जिसके लिए बाकायदा ट्रेनिंग सेंटर भी बनाए जा रहे हैं. जहां स्टॉल लगाकर किसानों को ऑनलाइन जुड़ने के फायदे के साथ ही उनके प्रमुख उत्पादों को ऑनलाइन से जोड़ा जा रहा है. इसके लिए एपीडा ने बाकायदा ऑनलाइन मार्केटिंग एजेंसियों को देश के अलग अलग हिस्सों से जोड़ा है. एपीडा का कहना है कि ई-कॉमर्स टूल बड़ा सहायक साबित हो रहा है. यह कृषि उत्पाद को घरेलू बाजार के साथ ही विदेशी बाजार में निर्यात करने के लिए सीधे तौर पर किसानों को लाभ दे रहा है. यही कारण है कि इससे जोड़ने के लिए किसानों को लगातार जानकारियां दी जा रही हैं.

अन्नदाता हुआ हाईटेक

इसे भी पढ़ें-अब मोबाइल डेटा नहीं हो पाएगा चोरी, आईआईटी बीएचयू के पूर्व छात्र ने बनाया खास एप

अनाज की हो रही ऑनलाइन बिक्री

वाराणसी में इसकी पहली तस्वीर तब सामने आई जब रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर में बकायदा इसके लिए ट्रेनिंग सेंटर बनाया गया. एक दिन के इस प्रशिक्षण शिविर में किसानों के प्रोडक्ट ऑनलाइन कैसे हों इसकी जानकारी दी गई. इसके साथ ही ज्यादा से ज्यादा किसानों को जोड़कर उनके प्रोडक्ट ई-कॉमर्स पर लाने की तैयारी की जा रही है, ताकि किसानों का प्रोडक्ट सीधे तौर पर विदेशों तक पहुंचाया जा सके. इस बाबत ऑनलाइन मार्केटिंग एजेंसी के निदेशक प्रतीक सिंह ने बताया कि सबसे पहले ई-कॉमर्स में जो किसानों के अनाज जोड़े गए हैं उनमें काला नमक चावल, गोविन्दो भोग चावल, यूपी के औरैया का घी, अयोध्या का गुड़, प्रतापगढ़ का मुरब्बा शामिल हैं. बड़ी बात ये है कि इसका ऑनलाइन आर्डर और बिक्री भी शुरू हो गयी है, इसमें ज्यादा आर्डर और बिक्री विदेशों से हुई है. वाराणसी में ई-कॉमर्स से जुड़ी संस्था के जरिये ऑनलाइन मार्केटिंग कंपनी में एक साल में 5 टन काला नमक चावल बेचा गया है, जिसका सीधा फायदा किसानों को पहुंचा है.

ई-कॉमर्स से किसानों को जोड़ने से यहां के किसान हाई-टेक हो रहे हैं तो वहीं कमाई भी तेजी आएगी. इस ऑनलाइन मार्केटिंग के जरिए किसानों को अपने अनाजों के उचित दाम प्राप्त होंगे, क्योंकि इसमें किसी दलाल की भूमिका नहीं है. ऐसे में किसान विदेशों में खुद अपने अनाजों को निर्यात कर सकेंगे.

ABOUT THE AUTHOR

...view details