बीएचयू के सेंट्रल लाइब्रेरी का जल्द हो सकता है विस्तार
बीएचयू लाइब्रेरी मैं अभी 500 छात्र-छात्राएं व साइबर लाइब्रेरी में 850 छात्र-छात्राओं को बैठने की व्यवस्था है. किसके लिए हमेशा बीएचयू से कुर्सी पाने की जद्दोजहद छात्रों को करना पड़ता है और आए दिन विवाद का मामला सामने आता है. लाइब्रेरी के विस्तार के बाद ऐसी समस्याओं से भी निजात मिल जाएगी.
वाराणसीः काशी हिंदू विश्वविद्यालय की एशिया के सबसे बड़े आवासीय विश्वविद्यालय के रूप में जाना जाता है, क्योंकि यहां पर छात्र-छात्राएं और प्रोफेसर मिलाकर लगभग 34,000 से ज्यादा की संख्या है. ऐसे में बीएचयू छात्रों के लिए एक अच्छी खबर है. जल्द ही उनके केंद्रीय पुस्तकालय का विस्तार हो सकता है. इसकी क्षमता को 3 गुना बढ़ाया जा सकता है. जिसके लिए बीएचयू प्रशासन ने प्रस्ताव तैयार करके इंस्टिट्यूट ऑफ एमेनेंस को सौंप दिया है.
बीएचयू लाइब्रेरी की क्षमता
बीएचयू लाइब्रेरी मैं अभी 500 छात्र-छात्राएं व साइबर लाइब्रेरी में 850 छात्र-छात्राओं को बैठने की व्यवस्था है. किसके लिए हमेशा बीएचयू से कुर्सी पाने की जद्दोजहद छात्रों को करना पड़ता है और आए दिन विवाद का मामला सामने आता है.
बीएचयू में बन सकता है देश की सबसे बड़ी लाइब्रेरी
बीएचयू सेंट्रल लाइब्रेरी को 3 गुना तक विस्तार करने की तैयारी की गई है. इसके लिए एक वर्टिकल इमारत का निर्माण किया जाएगा. जिसके लिए लाइब्रेरी के पीछे खाली पड़ी जगह को चुना गया है. नक्शा पर सहमति बनने के बाद इसका प्रस्ताव भेजा गया है. जिसमें 1000 छात्र एक साथ बैठ सकेंगे. बता दें कि देश की सबसे बड़ी लाइब्रेरी में शुमार अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी की मौलाना आजाद की सेंट्रल लाइब्रेरी है जिसमें 2000 छात्र बैठने की व्यवस्था है. जबकि बीएचयू में अगर यह लाइब्रेरी तैयार हुआ तो इसमें एक साथ 2350 छात्रों की बैठने की व्यवस्था हो जाएगी. हालांकि स्वीकृति कब मिलेगी इसके बारे में कोई जानकारी नहीं दे सका.
बीएचयू के जनसंपर्क अधिकारी डॉ. राजेश सिंह ने बताया लाइब्रेरी संस्था की हृदय होती है. इनका विकास निरंतर किया जाना चाहिए. बीएचयू की लाइब्रेरी जब बनी थी. तब मात्र 3000 छात्र थे.जबकि आज यहां पर करीब 32000 छात्र और 2000 शिक्षक हैं. ऐसे में इसके विस्तार पर विश्वविद्यालय काफी सकारात्मक कदम आगे बढ़ा रहा है.