वाराणसी:इस समय भारत-चीन के खराब रिश्ते हर तरफ चर्चा का विषय बने हुए हैं. गलवान घाटी में देश के 20 वीर सपूतों की शहादत के बाद भारत ने हर मोर्चे पर चीन को मुंहतोड़ जवाब देना शुरू कर दिया है. 59 चाइनीज ऐप पर प्रतिबंध लगाने के साथ भारत ने अपनी नीतियों में बदलाव करके चीन को आर्थिक रूप से भी चोट पहुंचाने की कोशिशें शुरू कर दी हैं. इसके साथ पीएम मोदी के आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत अब एक तीर से दो निशाना लगाने की तैयारी है. इस प्लानिंग में सबसे बड़ा रोल खादी इंडिया प्ले कर रहा है. चीन को आर्थिक चोट देने के लिए वाराणसी में परंपरागत चीजों को तवज्जो देने की तैयारी शुरू हो गई है. खादी इंडिया की विशेष ट्रेनिंग के तहत वाराणसी में कई कुम्हार परिवारों ने मिट्टी के झूमर, मिट्टी के सजावटी सामान, दिए और अन्य चीजें बनाकर भारत को आत्मनिर्भर बनाने की तैयारी शुरू कर दी है.
खादी इंडिया की तरफ से हुनरमंद और कामगारों को उनके घर पर ही काम देने की योजना बनाई गई है. इस योजना के तहत वाराणसी में खादी आयोग ने सबसे पहले कुम्हारों को तैयार करने की प्लानिंग की. उन्हें परंपरागत पत्थर के चाक से दूर कर इलेक्ट्रॉनिक चाक मुहैया कराया गया. उस पर काम करने की ट्रेनिंग देने के बाद दिवाली पर चाइनीज आइटम को टक्कर देने के उद्देश्य से मिट्टी के झूमर, मिट्टी के दीए, मैजिकल लैंप, मैजिकल शंख और कई ऐसे प्रोडक्ट बनाने की ट्रेनिंग दी गई, जो परंपराओं को तो जिंदा रखेंगे ही साथ ही चीन को दिवाली पर इस्तेमाल होने वाली लाइटिंग से लेकर अन्य सजावटी सामानों में चोट भी पहुंचाएंगे.
50 से ज्यादा कुम्हार चीन से दो-दो हाथ की कर रहे तैयारी