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चीनी सामानों को टक्कर देंगे काशी के कुम्हार

त्योहारों पर चीनी सामानों के बढ़ रहे इस्तेमाल को रोकने के लिए काशी कुम्हारों ने कमर कस ली है. आत्मनिर्भर भारत के अभियान के तहत इस बार त्योहारों पर वाराणसी में परंपरागत चीजों को तवज्जो देने के तैयारी है. इसके लिए खादी इंडिया वाराणसी में कई कुम्हार परिवारों को मिट्टी के झूमर और अन्य सजावटी सामान के साथ दीये और लैंप बनाने की विशेष ट्रेनिंग दे रहा है.

वाराणसी के कुम्हार बना रहे मिट्टी के सामान
वाराणसी के कुम्हार बना रहे मिट्टी के सामान

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Published : Jul 6, 2020, 11:10 AM IST

वाराणसी:इस समय भारत-चीन के खराब रिश्ते हर तरफ चर्चा का विषय बने हुए हैं. गलवान घाटी में देश के 20 वीर सपूतों की शहादत के बाद भारत ने हर मोर्चे पर चीन को मुंहतोड़ जवाब देना शुरू कर दिया है. 59 चाइनीज ऐप पर प्रतिबंध लगाने के साथ भारत ने अपनी नीतियों में बदलाव करके चीन को आर्थिक रूप से भी चोट पहुंचाने की कोशिशें शुरू कर दी हैं. इसके साथ पीएम मोदी के आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत अब एक तीर से दो निशाना लगाने की तैयारी है. इस प्लानिंग में सबसे बड़ा रोल खादी इंडिया प्ले कर रहा है. चीन को आर्थिक चोट देने के लिए वाराणसी में परंपरागत चीजों को तवज्जो देने की तैयारी शुरू हो गई है. खादी इंडिया की विशेष ट्रेनिंग के तहत वाराणसी में कई कुम्हार परिवारों ने मिट्टी के झूमर, मिट्टी के सजावटी सामान, दिए और अन्य चीजें बनाकर भारत को आत्मनिर्भर बनाने की तैयारी शुरू कर दी है.

चीन को टक्कर देने के लिए काशी के कुम्हारों ने कसी कमर

खादी इंडिया की तरफ से हुनरमंद और कामगारों को उनके घर पर ही काम देने की योजना बनाई गई है. इस योजना के तहत वाराणसी में खादी आयोग ने सबसे पहले कुम्हारों को तैयार करने की प्लानिंग की. उन्हें परंपरागत पत्थर के चाक से दूर कर इलेक्ट्रॉनिक चाक मुहैया कराया गया. उस पर काम करने की ट्रेनिंग देने के बाद दिवाली पर चाइनीज आइटम को टक्कर देने के उद्देश्य से मिट्टी के झूमर, मिट्टी के दीए, मैजिकल लैंप, मैजिकल शंख और कई ऐसे प्रोडक्ट बनाने की ट्रेनिंग दी गई, जो परंपराओं को तो जिंदा रखेंगे ही साथ ही चीन को दिवाली पर इस्तेमाल होने वाली लाइटिंग से लेकर अन्य सजावटी सामानों में चोट भी पहुंचाएंगे.

50 से ज्यादा कुम्हार चीन से दो-दो हाथ की कर रहे तैयारी

इसके लिए लोहता के हरपालपुर समेत रोहनिया, सेवापुरी और कई अन्य स्थानों पर कुम्हार परिवारों को विशेष ट्रेनिंग दी गई है. जिसके बाद लगभग 50 से ज्यादा कुम्हार परिवार घर बैठकर ही चीन से दो-दो हाथ करने की तैयारी कर रहे हैं. उन्हें खुशी इस बात की है कि वह देश के लिए कुछ कर रहे हैं और अपनी आर्थिक स्थिति को भी सुधार रहे हैं.

कुम्हारों को दिया जा रहा लोन

खादी आयोग के निदेशक का कहना है कि सरकार की मंशा के अनुरूप आर्थिक रूप से चीन को चोट देने की प्लानिंग के तहत प्रधानमंत्री मोदी के संसदीय क्षेत्र में यह काम हो रहा है. दिवाली से पहले हुनरमंद और कामगारों को मजबूत करने के लिए उन्हें एक लाख तक का लोन भी दिया जा रहा हैं, ताकि वह अपने काम को मजबूती से आगे बढ़ा कर आने वाले दिनों में ही काम शुरू कर सकें. उन्होंने कहा कि पीएम के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में जबरदस्त प्लानिंग के साथ चीन को आर्थिक चोट देकर बदहाल हो चुके कुम्हार परिवारों की जिंदगी को फिर से पटरी पर लाने का दोहरा प्रयास जारी है.

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