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वाराणसी से अयोध्या को रवाना हुए विद्वान, आज से शुरू होगी अनुष्ठान की तैयारी

वाराणसी से अयोध्या के लिए 55 ब्राह्मणों का दल दो बसों से रवाना हुआ. ब्राह्मणों का कहना है कि हमारा यह भाग्य है कि हम प्रभु राम (Ayodhya Pran Pratistha Mahotsav) की सेवा करने जा रहे हैं.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 15, 2024, 5:28 PM IST

Updated : Jan 16, 2024, 6:21 AM IST

काशी से रवाना हुए विद्वान

वाराणसी: अयोध्या में 22 जनवरी को होने वाले प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव को लेकर मुख्य अनुष्ठान 17 जनवरी से शुरू होने जा रहा है. 16 जनवरी से अनुष्ठान को लेकर तैयारी को अंतिम रूप दिया जाएगा. इसके लिए वाराणसी से विद्वानों का दल अयोध्या के लिए रवाना हो गया है. दो अलग-अलग बसों में 55 विद्वानों का समूह काशी से रवाना हुआ है. जबकि रविवार की रात अयोध्या रामलला के प्राण प्रतिष्ठा का मुहूर्त निकालने वाले ज्योतिषाचार्य पंडित गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ के साथ 11 ब्राह्मण का दल रवाना हो चुका है. कुल मिलाकर काशी से अब तक लगभग 66 विद्वान गए हैं और कुछ अन्य अभी जाने वाले हैं.

भगवान राम के आराध्य भगवान शिव की नगरी से अयोध्या में होने वाले प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव की तैयारियां जोर-जोर से जारी हैं. काशी के विद्वान काशी का यजमान और काशी से जाने वाला हर सामान भगवान राम की पूजा में अर्पित किया जाएगा. काशी से ही भगवान राम लला के लिए सहस्त्र क्षेत्र कलश तैयार किया गया है. जबकि विद्वानों को दिए जाने वाला विशेष पूजा पात्र भी काशी में ही तैयार किया गया है. इसके अलावा अलग-अलग हवन कुंड में होने वाले हवन के लिए जो लकड़ी की हवन सामग्री तैयार की गई है, वह अभी वाराणसी में ही तैयार हुई है.

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इन सब के अतिरिक्त काशी से बहुत सी चीज रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए भेजी गई हैं. इनमें काशी के विद्वानों के कहने पर ही समस्त चीजों को तैयार करने का काम अलग-अलग जगह हुआ है. यह सारी चीजों को लेकर काशी से लगभग 55 विद्वानों का समूह रवाना हो चुका है.

अयोध्या रवाना होने से पहले वाले ब्राह्मणों का कहना है कि हमारा यह भाग्य है कि हम प्रभु राम की सेवा करने जा रहे हैं. शिव की नगरी काशी हमेशा से ही प्रभु राम के लिए प्रिय रही है. प्रभु राम के सबसे बड़े आयोजन में काशी के विद्वानों की ही भूमिका सर्वोपरि होने वाली है. यहां से ही मुहूर्त निकाला है और यहां के विद्वान पंडित लक्ष्मीकांत दीक्षित के सानिध्य में ही आचार्य के साथ समस्त अनुष्ठान को पूर्ण किया जाएगा.

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Last Updated : Jan 16, 2024, 6:21 AM IST

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