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परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह बोले, अतीक अहमद को सजा दिलाने में सरकार का अहम रोल

उन्नाव में आयोजित जिला योजना समिति की बैठक में यूपी परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए और विकास कार्यों की समीक्षा की. इसके बाद मीडिया से बातचीत करते हुए सरकार की उपलब्धियां गिनाईं.

यूपी परिवहन मंत्री दयाशंकर
यूपी परिवहन मंत्री दयाशंकर

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Published : Mar 28, 2023, 8:59 PM IST

उन्नाव: जिला योजना समिति की बैठक में मंगलवार को यूपी परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए. जिसके बाद DM अपूर्वा दुबे व SP सिद्धार्थ शंकर मीना ने बुके देकर स्वागत किया. जिला योजना समिति की बैठक में विभागों की तरफ से 4.93 अरब के विकास कार्यों के प्रस्ताव दिए गए. जिन्हें सदन से पास कर भेजने की प्रक्रिया पर मुहर लगाई गई. वहीं, परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने विकास कार्यों को लेकर अधिकारियों से समीक्षा की. विकास कार्यों में शिथिलता मिलने पर मंत्री ने नाराजगी जताते हुए सुधार की चेतावनी दी.

बैठक के बाद परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने मीडिया से बातचीत में प्रियंका गांधी के पीएम को कायर बताने वाले बयान पर कहा कि 'किसी के सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है. PM मोदी G-20 का नेतृत्व कर रहे हैं, दुनिया उनको अपना नेता मान रही है. वह दुनिया के सबसे लोकप्रिय और सबसे ताकतवर नेता हैं. कांग्रेस पार्टी अब समाप्त हो रही है. कभी कांग्रेस का उत्तर प्रदेश में गढ़ था. जहां उनके(प्रियंका) के नाना-नानी, दादा-दादी सभी एमएलए एमपी रहे थे, ये उसे छोड़कर केरल भाग गए. ये लोग न्यायालय के निर्णय से बौखलाए हुए हैं.'

वहीं, अतीक अहमद की सजा पर परिवहन मंत्री ने कहा कि 'सरकार का काम यही है, प्रभावी ढंग से पैरवी करके ऐसे अपराधियों को सजा दिलाना. जब से योगी की सरकार आई है. तब से केवल अतीक अहमद ही नहीं जितने माफिया हैं और इस तरह के गलत लोग हैं, सबको सजा हो रही है. कानून का काम है अपराधियों को सजा दिलाना. हमारे अधिकारियों का काम है उसकी ईमानदारी के साथ पैरवी करना. सरकार ने सही तथ्यों को न्यायालय तक पहुंचाने का काम किया है.'

राहुल गांधी के साथ विपक्ष एकजुट होने के सवाल पर कहा कि उनकी जो सदस्यता रद्द हुई है, वह उन्हीं की देन हैं. उन्होंने ही संसद के अंदर इस प्रस्ताव को फाड़ा था. पहले भी जनप्रतिनिधियों को सजा होती थी. उनकी सदस्यता समाप्त हो जाती थी, लेकिन उनको एक अवसर मिलता था. उच्च न्यायालय में जाकर अपनी बात रखते थे. न्यायालय भी उनके केस को कंसीडर करता था और सदस्यता रद्द नहीं होती थी. लेकिन, संसद के अंदर मीडिया के सामने राहुल गांधी ने विधेयक को फाड़ा था. जिसको सजा दिलाने के लिए यह विधेयक लाए थे. आज उसके कारण जो कानून बना उसके तहत इनको भी सजा हुई है. कानून का पालन हुआ, उन्होंने जो गलती की उसकी सजा मिली.'

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