उन्नावः बेहटा मुजावर थाना क्षेत्र के अंतर्गत लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे के किनारे घर से पेपर देने निकले छात्र का अगले दिन शव मिला था. शव मिले हुए एक माह का समय बीत गया है, लेकिन पुलिस अभी भी बीएड के छात्र की मौत की गुत्थी सुलझाने में पुलिस सफल नहीं हो पाई है. पुलिस के ढीले रवैये के चलते परिजनों व ग्रामीणों में काफी आक्रोश देखने को मिल रहा है. परिजनों की मानें तो पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर रही है, जो भी एविडेंस पुलिस को इकट्ठा करने चाहिए वह हम लोग इकट्ठे करके पुलिस को दे रहे हैं.
क्या है पूरा मामला?
आपको बता दें कि बेहटा मुजावर थाना क्षेत्र के सबली खेड़ा गांव का रहने वाला विपिन बीएड का पेपर देने जाने की बात कहकर घर से निकला था, लेकिन विपिन देर रात तक घर वापस नहीं आया. परिजनों ने विपिन से संपर्क साधने की कोशिश की, लेकिन उसका मोबाइल नंबर बंद होने के चलते उससे कोई संपर्क नहीं हो पाया. वहीं, अगले दिन सुबह ग्रामीणों ने देखा कि गांव के बाहर से गुजरे लखनऊ आगरा एक्सप्रेसवे के अंडर पास के पास विपिन का शव संदिग्ध अवस्था में पड़ा हुआ है.
विपिन के शव पर लगभग एक दर्जन चोट के निशान थे. साथ ही जिन परिस्थितियों में शव पाया गया, उससे परिजनों व ग्रामीणों ने हत्या की आशंका व्यक्त करते हुए पुलिस को प्रार्थना पत्र देकर कार्रवाई की मांग की थी. जिसने भी इस घटना को कारित किया था, उसका खुलासा करने की बात कही थी.
शव देख परिजनों में व्याप्त हुआ था आक्रोश
15 मार्च को विपिन का शव गांव के बाहर से निकले लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे के किनारे शादीपुर अंडरपास के पास मिला था. परिजनों को जैसे ही सूचना मिली कि विपिन का शव वहां पर पड़ा है तो मौके पर पहुंचे परिजनों ने शव देखकर पुलिस को सूचना दी. मौके पर पहुंची पुलिस घटना को दुर्घटना बताने में जुटी थी, जिससे परिजनों में काफी आक्रोश व्याप्त हो गया और परिजनों ने शव उठाने से मना कर दिया.
परिजनों का कहना था कि जब तक पुलिस घटना कार्य करने वाले लोगों को नहीं पकड़ती तब तक शव नहीं उठने दिया जाएगा. हालांकि काफी समझाने बुझाने के बाद पुलिस ने हत्या का मुकदमा दर्ज कर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा था.
एक माह बीतने के बाद भी नहीं मिली कोई सफलता
विपिन के शव को मिले हुए 1 माह का समय हो गया है, लेकिन पुलिस के हाथ अभी भी खाली हैं. पुलिस किसी भी नतीजे पर नहीं पहुंची है. पुलिस के आला अधिकारियों से भी परिजनों ने मुलाकात की है, लेकिन अभी तक पुलिस की कार्यप्रणाली से परिजन बिल्कुल भी खुश नहीं है.