उन्नाव:"कहते हैं गरीबी और मुफलिसी उस समय आड़े नहीं आती जब इंसान कुछ कर गुजरने की चाह रखता हो. कुछ ऐसा ही कर दिखाया है दाहिने हाथ की तेज गेंदबाज और उन्नाव की बेटी अर्चना निषाद ने. बांगरमऊ तहसील क्षेत्र में गंगा किनारे खेलकर बचपन बिताने वाली अंडर 19 महिला क्रिकेट विश्व कप विजेता भारतीय टीम की खिलाड़ी अर्चना निषाद को आज हर कोई जानता है.
अंडर-19 महिला टी 20 विश्व कप फाइनल मैच में रविवार को इंग्लैंड को टीम इंडिया ने हराकर इतिहास रच दिया. जिसमें अर्चना ने अहम भूमिका निभाई. लेकिन क्या आप जानते है कि अर्चना की इस सफलता के पीछे किसका हाथ है? नहीं तो बता दें कि काफी संघर्ष और मां की जिद के बाद अर्चना ने इस सफलता को हासिल किया है. ईटीवी भारत से अर्चना निषाद की मां सावित्री निषाद ने खास बताचीत की.
उन्होंने कहा कि बेटी को यहां तक पहुंचाने के लिए उन्हें समाज के कई ताने सुनने पड़े. 2007 में कैंसर से पति और बेटे की सांप के काटने से मौत हो गई थी. घर में दो परिजनों की मौत के बाद वह अंदर से टूट गईं थी. इतना ही नहीं गांव के ही लोग उन्हें डायन कहने लगे थे. लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी और आगे बढ़ती चली गईं.