सीतापुर: नगर पालिका परिषद के चेयरमैन पद के चुनाव में सत्तारूढ़ दल भारतीय जनता पार्टी और मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी दोनों को बागियों से मुकाबला करना पड़ेगा. भाजपा से जहां पूनम मिश्रा और बबिता गुप्ता टिकट न मिलने से नाराज होकर मैदान में डट गई हैं, वहीं समाजवादी पार्टी से अपनी पत्नी के लिए टिकट की दावेदारी कर रहे पूर्व विधायक राकेश राठौर ने भी मैदान में डटे रहने का ऐलान करके पार्टी हाईकमान के सामने संकट पैदा कर दिया है.
नगर पालिका परिषद के चेयरमैन पद को लेकर सपा और भाजपा में काफी उठापटक चल रही है. इस प्रतिष्ठापूर्ण पद पर अब तक सपा के राधेश्याम जायसवाल काबिज थे. सत्तारूढ़ दल होने के कारण भाजपा इस सीट को अपनी झोली में डालने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है. भाजपा में इस सीट के लिए दावेदारों की लंबी फेहरिस्त थी. लेकिन, पार्टी ने नेहा अवस्थी पर अपना भरोसा जताते हुए अन्य दिग्गजों की दावेदारी को खारिज कर दिया. इसके बाद पार्टी में विरोध के स्वर भी उभरने लगे. कुछ दावेदारों ने तो पार्टी नेतृत्व के निर्णय को मान लिया. लेकिन, कुछ ने इस फैसले का खुला विरोध करते हुए मैदान में डटे रहने का निर्णय लिया.
पार्टी की कद्दावर नेता पूनम मिश्रा ने बगावत का झंडा बुलंद करते हुए निर्दल प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ने का फैसला किया है. इसके अलावा भाजपा से टिकट की दावेदारी कर रहीं बबिता गुप्ता भी बगावत की राह पर हैं. उन्होंने भी निर्दल प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ने का ऐलान किया है. यही नहीं नगर विधायक एवं प्रदेश सरकार में नगर विकास विभाग के राज्य मंत्री राकेश राठौर की पत्नी किरन के भी चुनाव मैदान में आकर नामांकन पत्र दाखिल करने से असहज स्थिति उत्पन्न हो गई है. इन तीनों प्रत्याशियों की बगावत भाजपा प्रत्याशी को तो नुकसान पहुंचाएगी ही, पार्टी के अनुशासन को भी ठेस लगाएगी. ऐसे में पार्टी क्या निर्णय लेती है यह देखने वाली बात होगी.