शामली: जिले के कांधला क्षेत्र के जंगलों में तेंदुआ दिखने के बाद वन विभाग ने अलर्ट जारी किया गया है. वन विभाग द्वारा कई टीमें बनाकर तलाश की जा रही है. साथ ही छोटे बच्चों को स्कूल और बाजारों में अकेले न भेजने, किसानों से खेतों पर समूह में जाने और मोबाइल और अन्य संसाधनों से लगातार आवाज करते रहने और सुरक्षा की दृष्टि से कुत्तों को साथ ले जाने की हिदायत भी दी गई है
शामली के कांधला प्रखंड के ग्राम कनियान के किसानों का दावा है कि उन्होंने सोमवार की रात खेतों में तेंदुआ देखा. तेंदुए के हमलों के कारण तीन दर्जन से अधिक जानवरों की मौत हो गई है, जिनमें कुत्ते, जंगली सूअर और बछड़े आदि शामिल हैं. इतना ही नहीं वन क्षेत्र में आधे खाए गए जानवरों के शव देखे जा रहे हैं, जिससे स्थानीय लोग दहशत में हैं. ग्रामीणों का कहना है कि तेंदुए को देखकर वे खेतों में नहीं जा रहे हैं. मजदूरों ने भी काम करना बंद कर दिया है. वन विभाग पिंजरा लगाकर तेंदुए को पकड़ने की कोशिश कर रहा है, लेकिन अभी तक कोई सफलता हाथ नहीं लगी है. कुछ ऐसी ही गतिविधियां आसपास के गांवों भनेड़ा और भाभीसा में भी देखने को मिली हैं.
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वन अधिकारी डॉ. विनय कुमार सिंह ने बताया कि कांधला ब्लाक के गांव कनियान के जंगलों में सोमवार की रात तेंदुआ या गुलदार देखे जाने की सूचना ग्रामीणों ने दी है. इसके बाद वन विभाग की टीमें मौके पर पहुंची और ग्रामीणों को साथ लेकर खेतों में गश्त कराई गई. इसके अलावा कनियान समेत पास ही के गांव भनेडा और भभीसा में गुलदार की आमद के संबंध में मुनादी कराते हुए लोगों को जागरूक किया गया है. वन अधिकारी ने बताया कि मामले की सूचना सीमावर्ती जनपदों मुजफ्फरनगर और बागपत में भी दे दी गई है, ताकि ऐतिहातन सुरक्षा सुनिश्चित की जाए.
वन अधिकारी ने बताया कि तेंदुआ और गुलदार ज्यादातर छिपकर ही शिकार करते हैं, इसलिए किसानों को गन्ने और चरी के खेतों में जाते हुए सावधानी बरतने, खेतों में समूह के रूप में जाने, छोटे बच्चों को स्कूल, खेल के मैदान और बाजार आदि में अकेले ना भेजने, खेतों पर मोबाइल या अन्य साधनों से आवाज करने, कुत्तों को साथ लेकर जाने और रात में खेतों पर जाने से बचने की अपील की गई है. उधर, गुलदार की तलाश में वन विभाग की टीमें गठित कर पिंजड़ा भी लगाया गया है, हालांकि अभी तक खोजबीन में लगाई गई टीमों का गुलदार से आमना-सामना नहीं हुआ है.
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