सहारनपुर: असम के स्वास्थ्य मंत्री और शिक्षा मंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने न सिर्फ सरकारी मदरसों को बंद करने की बात कही है, बल्कि मदरसों को सरकारी स्कूल में तब्दील करने पर भी मुहर लगा दी है. इतना ही नहीं, मदरसा अध्यापकों को सरकारी नौकरी देने का भी दावा किया है. सभी मदरसों के लिए नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है. देवबंदी उलेमाओं ने असम सरकार के इस फैसले पर कड़ा एतराज जताया है.
उलेमाओं ने मदरसों को सरकारी स्कूल में तब्दील किए जाने को इस्लाम के लिए साजिश करार दिया है. उनका कहना है कि बीजेपी सरकार कभी लव जिहाद के नाम पर तो कभी मदरसों के नाम पर काम कर रही है. जबकि सरकार को विकास के लिए काम करना चाहिए. देश इस समय भुखमरी की ओर जा रहा है. इस पर किसी को कोई ध्यान नहीं है
नवंबर माह में बन्द हो जाएंगे आसाम के सरकारी मदरसे
असम सरकार ने सभी सरकारी मदरसों को नवंबर माह से बंद करने का फैसला लिया है. असम के स्वास्थ्य एवं शिक्षा मंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने सभी मदरसों को बंद करने के निर्देश दिए हैं. सरकार का मत है कि जनता के पैसे से धार्मिक शिक्षा देने का कोई प्रावधान नहीं है. असम में करीब 600 मदरसे सरकारी अनुदान पर चल रहे हैं, जिनको नवंबर महीने में पूरी तरह बंद कर सरकारी स्कूल बना दिए जाएंगे. मदरसों में पढ़ाने वाले अध्यापकों को योग्यता के आधार पर सरकारी नौकरी दी जाएगी.