रामपुर:नागरिकता संशोधन कानून को लेकर 21 दिसंबर को रामपुर में मुस्लिम उलेमाओं के विरोध प्रदर्शन के बाद पुलिस ने 100 से ज्यादा नामजद और 1000 से ज्यादा अज्ञात के खिलाफ विभिन्न धाराओं में FIR दर्ज की थी. बेकसूरों की रिहाई और एफआईआर से नाम वापस लिए जाने को लेकर महिलाओं ने जामा मस्जिद पर धरना-प्रदर्शन किया.
पुलिस ने 30 से ज्यादा लोगों को भेजा था जेल
21 दिसंबर को रामपुर में मुस्लिम उलेमाओं के आह्वान पर NRC और CAA के विरोध प्रदर्शन के बाद पुलिस ने 100 से ज्यादा नामजद और 1000 से ज्यादा अज्ञात के खिलाफ विभिन्न धाराओं में एफआईआर दर्ज किया था. 30 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार कर जेल भी भेजा था. इस उपद्रव में एक युवक की मौत हो गयी थी. उसके बावजूद पुलिस ने मृतक फैज के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज किया था.
महिलाओं ने काजी-ए-शहर से की इस्तीफे की मांग
पुलिस कार्यवाही में बेकसूर लोगों को गिरफ्तार करने और एफआईआर दर्ज करने का आरोप भी है. इसको लेकर कई बार धार्मिक गुरुओं ने पुलिस प्रशासन से बेकसूरों को रिहा करने और एफआईआर से नाम हटाने की अपील की थी. पुलिस प्रशासन के आला अधिकारियों ने छोड़ने को कहा था, लेकिन अभी तक अमल में न आने पर पीड़ित परिवारों ने जामा मस्जिद में उलेमाओं के खिलाफ प्रदर्शन शुरू किया और शहर काजी और अन्य उलेमाओं से इस्तीफे की मांग की है. इसके साथ ही कहा कि अभी तक बेकसूरों को नहीं छोड़ा गया है. जब तक बेकसूरों को छोड़ा नहीं जाता,यह प्रदर्शन करते रहेंगे.