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जयाप्रदा फिर रामपुर की कोर्ट में नहीं हुईं पेश, वकील ने गैर जमानती वारंट निरस्त करने का दिया प्रार्थना पत्र दिया

जयाप्रदा (Jayaprada) के गैर जमानती वारंट को निरस्त करने के लिए उनके वकील ने कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया है. कोर्ट ने प्रार्थना पत्र स्वीकार करते हुए इस पर फैसला सुरक्षित रख लिया है. अब बुधवार को कोर्ट यह तय कर सकती है कि जयाप्रदा का गैर जमानती वारंट निरस्त होगा या नहीं.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 19, 2023, 7:25 PM IST

अभियोजन अधिकारी अमरनाथ तिवारी ने जयाप्रदा के केस के बारे में दी जानकारी.

रामपुर: गैर जमानती वारंट जारी होने के बाद भी फिल्म अभिनेत्री और रामपुर की पूर्व सांसद जयाप्रदा कोर्ट में पेश नहीं हो रही हैं. इसको लेकर कोर्ट ने सख्त नाराजगी दिखाते हुए उन्हें 19 दिसंबर दिन मंगलवार को कोर्ट में पेश होने के आदेश दिए थे. लेकिन, आज भी जयाप्रदा कोर्ट में पेश नहीं हुईं. उनके अधिवक्ता की ओर से एक प्रार्थना पत्र कोर्ट में दिया गया, जिसमें हवाला दिया गया कि जयाप्रदा की तबीयत ठीक नहीं है. इस कारण वे नहीं आ पाईं.

इसके बाद अभियोजन पक्ष और जयाप्रदा के सुप्रीम कोर्ट से आए अधिवक्ता असगर अली की कोर्ट में बहस हुई. कोर्ट ने इस मामले में दोनों पक्ष की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया. अब इस मामले को लेकर जयाप्रदा के अधिवक्ताओं की ओर से दिए गए प्रार्थना पत्र को कोर्ट स्वीकार करता है या निरस्त करता है, इसका फैसला कोर्ट बुधवार को कर सकता है.

अभियोजन अधिकारी अमरनाथ तिवारी ने मीडिया को बताया कि लोकसभा चुनाव 2019 के दो मामले जयाप्रदा पर आचार संहिता उल्लंघन के चल रहे हैं. एक थाना स्वार का और दूसरा थाना केमरी का है. स्वार वाले मामले में चार बार गैर जमानती वारंट जारी हो चुका है और केमरी वाले मामले में एक बार. यानी पांच बार जयाप्रदा के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी होने के बाद भी वह कोर्ट में पेश नहीं हुईं.

बार-बार उनकी तरफ से उनके अधिवक्ता वारंट को निरस्त करने के लिए प्रार्थना पत्र दे रहे हैं. उसमें जयाप्रदा का स्वास्थ्य ठीक नहीं होने का हवाला दिया जा रहा है. 11 दिसंबर को भी जयाप्रदा को कोर्ट में पेश होने के आदेश दिए गए थे लेकिन वह नहीं आईं. उसके बाद 19 दिसंबर को कोर्ट ने पेश होने के लिए कहा था लेकिन आज भी जयाप्रदा कोर्ट में पेश नहीं हुईं. हालांकि, दोनों पक्ष की बहस हुई. अब इस मामले में एमपी एमएलए मजिस्ट्रेट ट्रायल कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है. कल कोर्ट अपना फैसला सुना सकती है.

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