भारतीय किसान यूनियन टिकैत कार्यालय को लेकर किसानों ने यह बताया रामपुरः जनपद में डीसीएफ की इमारत में स्थित भारतीय किसान यूनियन टिकैत (Bharatiya Kisan Union Ticket) के कार्यालय को खाली कराने के लिए गुरुवार को जिला प्रशासन और किसान नेता आमने-सामने हो गए. जिला प्रशासन को भारी पुलिस बल की मौजूदगी के बाद भी दर्जनों किसानों के धरने के कारण लौटना पड़ा. इमारत में एक पोस्ट ऑफिस और खादी ग्राम उद्योग का केंद्र भी है. जिसे जिला प्रशासन ने खाली कराकर सील कर दिया है. लेकिन किसानों ने किसान यूनियन के इस कार्यालय को खाली करने से साफ मना कर दिया है.
रामपुर विकास भवन (Rampur Vikas Bhavan) के पास डीसीडीएफ की एक इमारत है. जिसमें पिछले 35 सालों से भारतीय किसान यूनियन टिकैत के जिलाध्यक्ष का जिला कार्यालय है. जहां पर भारतीय किसान यूनियन के पदाधिकारी बैठते हैं. मौजूदा समय में भारतीय किसान यूनियन टिकैत के जिलाध्यक्ष हसीब अहमद (District President Haseeb Ahmed) इस कार्यालय में बैठते हैं. इस कार्यालय में किसानों की समस्याओं का समाधान करने के लिए रणनीति तैयार की जाती है. अब किसानों के इस दफ्तर को जिला प्रशासन खाली कराने के लिए भारी पुलिस बल के साथ पहुंची. लेकिन किसानों की ताकत और एकता के आगे जिला प्रशासन को अपने कदम पीछे करना पड़ गया. किसानों की धीरे धीरे बढ़ती भीड़ को देखकर जिला प्रशासन भारी पुलिस बल की मौजूदगी के बाद भी पीछे हट गया.
भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश प्रमुख महासचिव पश्चिमी उत्तर प्रदेश के प्रभारी विजेंद्र सिंह यादव ने कहा कि हमें बुधवार को सूचना मिली कि रामपुर जिला प्रशासन हमारे किसान कार्यालय को खाली कराना चाहती है. 35 सालों से किसान यूनियन का यहां कार्यालय चल रहा है. यहां पर किसानों द्वारा जनता की सेवा हो रही है. हम लोग कोई राजनीति यहां नहीं करते हैं. जैसे इस खबर की सूचना किसानों को मिली तो बरेली और मुरादाबाद मंडल के किसान आक्रोशित हो गए. इन दोनों मंडलों के किसान रामपुर के लिए निकल पड़े. उन्होंने कहा कि अगर जिला प्रशासन पीछे नहीं हटता तो गुरुवार को हजारों की संख्या में किसान एकत्र होकर जिल प्रशासन के खिलाफ आंदोलन करते.
भारतीय किसान यूनियन टिकैत के जिलाध्यक्ष हसीब अहमद ने कहा 35 सालों से भारतीय किसान यूनियन का यह जिला कार्यालय है. इससे पहले भी समाजवादी पार्टी, बसपा पार्टी की सरकार आई. लेकिन भाजपा सरकार किसानों के कार्यालय पर ही हमला बोलती है. किसान इस पार्टी के लोगों को भाता ही नहीं है. किसानों का बैठना यहां भाजपा को अच्छा नहीं लगता है. इस कार्यालय पर किसी व्यक्ति विशेष का कब्जा नहीं है. वहीं, जिलाध्यक्ष हसीब अहमद ने कहा राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) जी से फोन पर बात हुई थी. उन्होंने जिला प्रशासन से कहा है कि हसीब अहमद को आजम खान (Aajam Khan) न समझें. उन्होंने कहा कि आजम खान पर जिस तरह से कार्रवाई की है. उस तरह की हसीब अहमद पर कार्रवाई हम बर्दाश्त नहीं करेंगे.
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