रायबरेली:लॉकडाउन के दौरान आम आदमी को खाने-पीने के सामान की कोई कमी न हो इसके लिए जिला प्रशासन ने शासन स्तर से कुछ थोक व्यपारियों को जिम्मेदारी सौंपी है. वहीं शुक्रवार को युवा उद्योग व्यापार मंडल की तरफ से इस काम में सहभागिता करने को भी मंजूरी दे दी गई. लोगों को राहत पहुंचाने के लिए कलेक्ट्रेट परिसर से आवश्यक सामग्री से भरे हुए वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया.
लॉकडाउन: भूखे-बेसहारों का मसीहा बनकर सामने आया युवा उद्योग व्यापार मंडल
कोरोना वायरस से बचाव के लिए पूरे देश को लॉकडाउन कर दिया गया है. इस घोषणा के बाद कई मजदूर परिवार अपने घरों से दूर सड़कों पर आ गए, जिनकी मदद के लिए कुछ स्वयंसेवी संस्थाएं आगे आ रही हैं.
खाने-पीने का सामान घर पहुंचा रहीं सामाजिक संस्थाएं
कलेक्ट्रेट परिसर में सब्जी और खाद्य पदार्थों से भरी गाड़ियां उन लोगों के लिए भेजी गई हैं, जो लॉकडाउन के दौरान घरों में हैं और जिला प्रशासन के आदेश का पालन कर रहे हैं. प्रदेश सरकार की तरफ से दिए गए निर्देशों के तहत इन आम लोगों को खाने-पीने के अलावा अन्य जरूरत की वस्तुओं की पूर्ति का प्रयास किया जा रहा है.
जिले के युवा उद्योग व्यापार मंडल के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने इसमें सहभागिता निभाते हुए आवश्यक सामग्रियों की सप्लाई के लिए जिला प्रशासन से आज्ञा मांगी था, जिसको जिलाधिकारी शुभ्रा सक्सेना ने सहर्ष स्वीकार करते हुए इनकी गाड़ियों को हरी झंडी दिखाते हुए रवाना किया.