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मनरेगा : कांग्रेस के गढ़ रायबरेली में कितनी सफल रही यह योजना - raebareli

रायबरेली वर्षों से गांधी परिवार का गढ़ रहा है. यहां मनरेगा विकास की इबारत लिख रही है. इस योजना के बारे में ज्यादा जानकारी प्राप्त करने पर पता चला कि यहां श्रमिकों को काम मिल रहा है. हालांकि, श्रमिकों ने यह भी स्वीकार किया कि उन्हें भुगतान मिलने में थोड़ा विलंब होता है.

रायबरेली में कितनी सफल रही मनरेगा

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Published : Feb 28, 2019, 12:38 PM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:18 PM IST

रायबरेली :वर्षों से गांधी परिवार का गढ़ रहे रायबरेली में मनरेगा योजना विकास की इबारत लिख रही है. रायबरेली जनपद में मनरेगा के तहत विकास कार्यों का अंजाम देने के दावे परखने पर पता चला कि सदर तहसील के हरचंदपुर क्षेत्र के गांव पिंडारी में श्रमिकों को काम मिल रहा है.

रायबरेली में कितनी सफल रही मनरेगा

पिंडारी गांव के श्रमिकों ने इस योजना के तहत स्थानीय स्तर पर ही उन्हें रोज़गार के अवसर मुहैया कराएने की बात कही है. हालांकि, श्रमिकों ने यह भी स्वीकार किया कि उन्हें भुगतान मिलने में थोड़ा विलंब होता है.

रोज़गार सचिव सत्येंद्र सिंह ने पिंडारी ग्राम सभा के लिए श्रम बजट की जानकारी देते हुए कहा कि इस वित्तीय वर्ष में निर्धारित लक्ष्य 4200 मानव दिवस सृजन के सापेक्ष 5300 मानव दिवस को अर्जित करने में सफलता हासिल की है. इसके तहत गांव के 315 श्रमिकों को रोजगार मुहैया कराया जा चुका है.

वहीं, गांव के प्रधान प्रतिनिधि संतोष सिंह द्वारा विकास के नए आयामों के सृजन की बात कही गई. उन्होंने कहा कि लगभग सभी सरकारी योजनाओं का गांव में सफल क्रियान्वयन हुआ है. साथ ही, उन्होंने योजना के तहत श्रमिक मजदूरी के लिए प्रतिदिन निर्धारित किए गए 175 रुपए को ग्रामीणों के हित में बढ़ाए जाने का तर्क दिया.

रायबरेली के उपायुक्त मनरेगा के कार्यालय से प्राप्त आंकड़ों के तहत वित्तीय वर्ष 2018-19 के लिए कुल 36.75 लाख मानव दिवस सृजन का लक्ष्य निर्धारित था. जिसके सापेक्ष अब तक करीब 31 लाख का लक्ष्य पूरा किया जा चुका है.

विभाग द्वारा दावा किया गया है कि जनपद में मनरेगा के तहत कुल 199 आंगनबाड़ी केंद्रों का निर्माण कराया जा चुका है. इसके तहत हर केंद्र में 4.52 लाख का अंश मनरेगा द्वारा दिया वहन किया गया है. बाकी का कुछ अंश पंचायती राज और आईसीआईएस विभाग द्वारा योगदान दिया गया है.

इसके साथ ही, कायाकल्प योजना के तहत प्राथमिक स्कूलों के जर्जर भवन के निर्माण के अलावा इन स्कूलों के सौन्दर्यीकरण और सुरक्षित वातारण में पठन-पाठन व्यवस्था को दुरुस्त रखने में भी मनरेगा का अहम योगदान रहा. जनपद के करीब 450 स्कूलों की बाउंड्री वॉल का कार्य अप्रोच रोड समेत पूरा किए जाने का दावा किया गया है.

मनरेगा के तहत ज़िले में बनाएं गए तालाबों की संख्या 700 बताई गई है. साथ ही, इस पूरे वित्तीय वर्ष में करीब 65,000 पौधरोपण के कार्यक्रम को भी अंजाम दिया गया है. वहीं, अगले वित्तीय वर्ष के लिए इसका टारगेट करीब 16 लाख पौधरोपण का रखा गया है.

रायबरेली की जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने जिले में मनरेगा के तहत किए जा चुके कार्यों का बखान करते हुए बताया कि जिले के सभी 989 ग्राम पंचायतों में इस योजना के तहत विकास कार्य कराएं गए हैं.

जल संचयन के क्षेत्र में अभूतपूर्व कार्य किए जाने का दावा करते हुए कहा कि जिले में योजना के तहत समाज के अंतिम छोर पर रहे व्यक्ति को भी जल दिया जा रहा है.

अनुसूचित जाति का इस योजना में सहभागिता 32 प्रतिशत से ज्यादा है. वहीं, महिलाओं को भी इस योजना से जोड़े जाने में सफलता हासिल करते हुए लगभग 33 फीसदी से ज्यादा का लाभ दिया जा चुका है.

उल्लेखनीय है कि 2 अक्टूबर 2005 से लागू महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) रोजगार गारंटी योजना होने के नाते पहले यूपीए फिर एनडीए दोनों ही सरकारों में बेहद लोकप्रिय योजनाओं में शामिल रही. पूरे भारत में इसके अधीन अब तक करीब 2747 करोड़ लोगों को रोजगार दिया गया और इसपर 5.04 लाख करोड़ रुपए खर्च किए जा चुके हैं.

Last Updated : Sep 17, 2020, 4:18 PM IST

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