रायबरेली :वर्षों से गांधी परिवार का गढ़ रहे रायबरेली में मनरेगा योजना विकास की इबारत लिख रही है. रायबरेली जनपद में मनरेगा के तहत विकास कार्यों का अंजाम देने के दावे परखने पर पता चला कि सदर तहसील के हरचंदपुर क्षेत्र के गांव पिंडारी में श्रमिकों को काम मिल रहा है.
पिंडारी गांव के श्रमिकों ने इस योजना के तहत स्थानीय स्तर पर ही उन्हें रोज़गार के अवसर मुहैया कराएने की बात कही है. हालांकि, श्रमिकों ने यह भी स्वीकार किया कि उन्हें भुगतान मिलने में थोड़ा विलंब होता है.
रोज़गार सचिव सत्येंद्र सिंह ने पिंडारी ग्राम सभा के लिए श्रम बजट की जानकारी देते हुए कहा कि इस वित्तीय वर्ष में निर्धारित लक्ष्य 4200 मानव दिवस सृजन के सापेक्ष 5300 मानव दिवस को अर्जित करने में सफलता हासिल की है. इसके तहत गांव के 315 श्रमिकों को रोजगार मुहैया कराया जा चुका है.
वहीं, गांव के प्रधान प्रतिनिधि संतोष सिंह द्वारा विकास के नए आयामों के सृजन की बात कही गई. उन्होंने कहा कि लगभग सभी सरकारी योजनाओं का गांव में सफल क्रियान्वयन हुआ है. साथ ही, उन्होंने योजना के तहत श्रमिक मजदूरी के लिए प्रतिदिन निर्धारित किए गए 175 रुपए को ग्रामीणों के हित में बढ़ाए जाने का तर्क दिया.
रायबरेली के उपायुक्त मनरेगा के कार्यालय से प्राप्त आंकड़ों के तहत वित्तीय वर्ष 2018-19 के लिए कुल 36.75 लाख मानव दिवस सृजन का लक्ष्य निर्धारित था. जिसके सापेक्ष अब तक करीब 31 लाख का लक्ष्य पूरा किया जा चुका है.
विभाग द्वारा दावा किया गया है कि जनपद में मनरेगा के तहत कुल 199 आंगनबाड़ी केंद्रों का निर्माण कराया जा चुका है. इसके तहत हर केंद्र में 4.52 लाख का अंश मनरेगा द्वारा दिया वहन किया गया है. बाकी का कुछ अंश पंचायती राज और आईसीआईएस विभाग द्वारा योगदान दिया गया है.