प्रयागराज: नाग पंचमी के अवसर पर सोमवार को प्रयागराज में श्रद्धालुओं ने नागों को दूध पिलाया और पूजा अर्चना की. वहीं दारगंज स्थित नाग वाशुकी मंदिर में भी भक्तों की काफी भीड़ देखी गई. मान्यता है कि प्रयागराज में जो भी आता है वो अगर पूरे प्रयाग का दर्शन के बाद वाशुकी नहीं आया उसकी पूजा अधूरी मानी जाती है.
प्रयागराज: शेष नाग का विश्राम स्थल है नाग वाशुकी मंदिर, यहां पूरी होती है भक्तों की मन्नतें
प्रयागराज में नाग पंचमी के अवसर पर श्रद्धालुओं ने नाग वाशुकी मंदिर में नागों को दूध पिलाया और पूजा अर्चना की. मान्यता है कि प्रयागराज में जो भी आता है वो अगर पूरे प्रयाग का दर्शन के बाद अगर वाशुकी नहीं आया उसकी पूजा अधूरी मानी जाती है.
नाग वाशुकी मंदिर.
ये भगवान वाशुकी हैं, जो भगवान शिव के गले में लिपटे हैं. समुद्र मंथन के दौरान इन्हीं को रस्सी बनाया गया था. जब समुद्र मंथन समाप्त हो गया तो वाशुकी भगवान ने यहां आकर विश्राम किया था. यहां नौ नागों की योनि है.
- रवि त्रिपाठी, पुजारी