उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

प्रयागराज: माघ मेले में आयुर्वेदिक पौधों की खेती पर हुई संगोष्ठी

यूपी के प्रयागराज में माघ मेले के दौरान बुधवार को भारतीय वन अनुसंधान शिविर में आयुर्वेदिक उत्पादन और जन स्वास्थ्य विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया. इसमें आए हुए वैज्ञानिकों ने मौजूद किसानों और श्रद्धालुओं को औषधीय पौधों के गुणों और बीमारियों के इलाज में इसके प्रयोग के बारे में बताया.

etv bharat
आयुर्वेदिक पौधों की खेती पर हुई संगोष्ठी

By

Published : Feb 6, 2020, 2:30 AM IST

प्रयागराज:संगमनगरी में चल रहे माघ मेले में बुधवार को भारतीय वन अनुसंधान शिविर में एक दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया. आयुर्वेदिक उत्पादन और जन स्वास्थ्य विषय पर हुई इस संगोष्ठी में मुख्य अतिथि के रूप में उच्च शिक्षा परिषद के अध्यक्ष गिरीश चन्द्र त्रिपाठी पहुंचे. उन्होंने अपना संबोधन देते हुए कहा कि आज दुनिया में औषधीय पौधों के रसायन, क्वालिटी युक्त खाद्य पदार्थ, सौन्दर्य और अन्य उत्पादों की मांग बढ़ी है. मांग बढ़ने से किसानों को इसका अच्छा मूल्य भी मिल रहा है.

आयुर्वेदिक पौधों की खेती पर हुई संगोष्ठी.
गिरीश चन्द्र त्रिपाठी ने बताया कि अश्वगंधा, मेंथा, एलोवेरा, तुलसी जैसे आयुर्वेदिक पौधों की फसल की मांग आयुर्वेद के क्षेत्र में काम कर रही कंपनियों को सबसे अधिक है. इस तरह की खेती से आज एक नई इंडस्ट्री उभर कर आई है. आयुर्वेद हमारे भारत की प्राचीन परंपरा है. जब एलोपैथी इतना कारगर नहीं था तो आयुर्वेद से ही गंभीर बीमारियों का इलाज किया जाता था.

आज दुनिया में मेडिसिनल और एरोमेटिक प्रोडक्ट्स की मांग तेजी से बढ़ी है. भारत के किसान और इंडस्ट्री के दोनों लोगों के लिए यह एक अच्छा अवसर है.

इस संगोष्ठी में आए हुए वैज्ञानिकों ने मौजूद किसानों और श्रद्धालुओं को औषधीय पौधों के गुण और उससे बीमारियों से कैसे निजात पाएं, इस बारे में विस्तार से चर्चा की.

विश्व आयुर्वेदिक मिशन को सफल बनाने के लिए अधिक से अधिक मेडिसिनल प्लांट को बढ़ावा देना होगा. इससे किसानों को अच्छी आय हो सकती है. भारतीय वन अनुसंधान इस क्षेत्र में प्रयासरत है कि आयुर्वेदिक खेती करने वाले अधिक से अधिक लोगों को आयुर्वेद से जोड़ा जाए. जिससे अच्छे स्वास्थ्य के साथ वह अपनी आय भी कर सकें.
-डॉ. संजय सिंह, निदेशक, भारतीय वन अनुसंधान, प्रयागराज

ABOUT THE AUTHOR

...view details