प्रयागराज : स्वरूपरानी नेहरू (एसआरएन) अस्पताल में बेड न मिल पाने की वजह से एक मरीज की मौत हो गई. एक युवक अपने पिता को सांस लेने में तकलीफ होने की शिकायत के बाद 60 किलोमीटर दूर से एसआरएन हॉस्पिटल पहुंचा था. सांस लेने में दिक्कत होने की वजह से इलाके के डॉक्टरों ने कोरोना जैसे लक्षण मानकर एसआरएन ले जाने की सलाह दी थी.
डॉक्टरों पर नहीं हुआबेटे की गुहार काअसर
पिता की उखड़ती हुई सांसों को बचाने के लिए प्रशांत ने डॉक्टरों से ऑक्सीजन लगाने की गुहार लगाई, लेकिन धरती के भगवान कहे जाने वाले डॉक्टरों पर इसका कोई असर नहीं हुआ. उन्होंने सांसों के लिए तड़पते बुजुर्ग मरीज को ऑक्सीजन सपोर्ट नहीं दिया, जिस वजह से कोविड वार्ड के बाहर ही बुजुर्ग ने थोड़ी देर तक तड़पने के बाद दम तोड़ दिया.
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डॉक्टरों और स्टाफ ने नहीं की मदद
प्रशांत ने कहा कि वह पिता को बेहतर इलाज दिलाने के लिए एसआरएन अस्पताल लाया था, लेकिन यहां डॉक्टरों और स्टाफ ने उसकी कोई मदद नहीं की. अगर उन्होंने मदद की होती तो उसके पिता की जान बच सकती थी.