उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

हाईकोर्ट ने कहा - जमानत अर्जी खारिज करने की तुलना में रिहा आरोपी की जमानत निरस्त करना काफी जटिल

इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने कानपुर नगर की महिला की ओर से दाखिल जमानत निरस्त करने की अर्जी पर कहा है कि मात्र धारा 156(3) के प्रार्थनापत्र के आधार पर आरोपी की जमानत को निरस्त किया जाना न्यायोचित प्रतीत नहीं होता है.

Etv Bharat
Etv Bharat

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 17, 2023, 9:20 PM IST

प्रयागराज :इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक आदेश में कहा है कि किसी आरोपी के जमानत प्रार्थना पत्र को खारिज करने की तुलना में किसी रिहा आरोपी की जमानत को निरस्त करना काफी जटिलता भरा है. यह टिप्पणी न्यायमूर्ति समीर जैन ने कानपुर नगर की एक महिला की ओर से दाखिल जमानत निरस्त करने की अर्जी को खारिज करते हुए की है.

जमानत निरस्त करने की कोर्ट में दी गई थी अर्जी

कानपुर नगर की महिला ने दिसंबर 2022 में जगदीश सिंह के विरुद्ध रेप का मुकदमा दर्ज कराया था. आरोपी को इस मामले में जून 2023 में जमानत मिल गई थी. जमानत निरस्त करने की अर्जी पर सुनवाई के दौरान महिला की ओर से कोर्ट को बताया गया कि आरोपी जमानत पर रिहा होने के बाद पीड़िता को डरा धमकाकर जमानत की शर्तों का उल्लंघन कर रहा है. इस संबंध में पुलिस में भी शिकायत की गई है. एफआईआर दर्ज न होने पर पीड़िता ने मजिस्ट्रेट अदालत में सीआरपीसी की धारा 156(3) का प्रार्थना पत्र भी दिया है, जो विचाराधीन है. सरकारी वकील ने पीड़िता की अर्जी का समर्थन किया.

जमानत निरस्त करने की अर्जी को खारिज.

कोर्ट ने कहा- विश्वसनीय साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया किया गया

सुनवाई के बाद कोर्ट ने कहा कि न्यायालय के सामने महिला की ओर से कोई ठोस कारण या विश्वसनीय साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया किया गया है. मात्र धारा 156(3) के प्रार्थनापत्र के आधार पर आरोपी की जमानत को निरस्त किया जाना न्यायोचित प्रतीत नहीं होता है. कोर्ट ने आगे कहा कि यदि इस आधार पर आरोपी की जमानत को रद्द किया जाता है तो हाईकोर्ट में वादकारियों के लिए एक नया रास्ता खुल जाएगा और इस प्रकार की याचिकाओं की भरमार हो जाएगी, जिससे अंतहीन मुकदमों की एक नई श्रृंखला शुरू हो जाएगी.

यह भी पढ़ें : कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला को हाईकोर्ट से झटका, मुकदमे का ट्रायल रोकने की मांग नामंजूर

यह भी पढ़ें : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एएमयू वीसी की चयन प्रक्रिया को चुनौती देने वाली याचिका खारिज की

ABOUT THE AUTHOR

...view details