प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गौतमबुद्धनगर और गाजियाबाद में जनरल पावर ऑफ अटॉर्नी पंजीकृत करने पर रोक लगाने की मांग में दाखिल याचिका पर हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया है. कोर्ट कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने पावर ऑफ अटॉर्नी के माध्यम से संपत्ति बेचने को वैध करार दिया है. ऐसे में इस पर रोक नहीं लगाई जा सकती.
यह आदेश न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र एवं न्यायमूर्ति विनोद दिवाकर की खंडपीठ ने तहसील बार एसोसिएशन गांधीनगर गाजियाबाद व सोसायटी फॉर वायस ऑफ ह्यूमन राइट्स एंड जस्टिस की याचिकाओं को खारिज करते हुए दिया है. कोर्ट ने गाजियाबाद में पावर ऑफ अटॉर्नी से फर्जी ट्रांजेक्शन कर प्रदेश के बाहर की संपत्तियां बेचकर सरकार को स्टाम्प शुल्क का नुकसान पहुंचाने की जांच कर रही एसआईटी को चार माह में रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है.