प्रयागराज: कानपुर में वकीलों की हड़ताल पर गंभीर रुख अपनाते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कानपुर के बार एसोसिएशनों के दो अध्यक्षों व दो महासचिवों के खिलाफ आपराधिक अवमानना की कार्रवाई शुरू कर दी है. इन पर अवमानना का आरोप निर्मित कर सफाई मांगी है. इनपर अदालत की गरिमा धूमिल करने व अदालती कामकाज में हड़ताल कर व्यवधान उत्पन्न करने का आरोप है. बार काउंसिल के अध्यक्ष पाचू राम मौर्य ने कहा कि काउंसिल इस मामले में कमेटी गठित कर उचित निर्णय लेगी. उन्होंने कोर्ट से मंगलवार तक का समय मांगा है. कोर्ट ने मंगलवार को बार काउंसिल के निर्णय की जानकारी मांगी है.
हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक सिंह ने कहा बार एसोसिएशन का अध्यक्ष व महासचिव स्वयं कोई निर्णय नहीं ले सकता है. आम सभा बुलाकर ही कोई फैसला लिया जा सकता है. इसलिए मंगलवार तक आदेश टाला जाए. कानपुर की बार एसोसिएशन को आमसभा बुलाकर निर्णय लेने के लिए मंगलवार तक का समय दिया जाए. इस पर कोर्ट ने कहा यदि कानपुर नगर की बार एसोसिएशन हड़ताल वापस लेकर काम पर लौटती है तो आदेश पर विचार किया जायेगा. अभी कोई कार्रवाई नहीं की जायेगी. वकील अपना आचरण सुधारें और काम पर वापस आएं. यह आदेश मुख्य न्यायमूर्ति प्रीतिंकर दिवाकर, न्यायमूर्ति सुनीता अग्रवाल, न्यायमूर्ति एस पी केशरवानी , न्यायमूर्ति एम के गुप्ता, न्यायमूर्ति अंजनी कुमार मिश्र, न्यायमूर्ति के जे ठाकर, न्यायमूर्ति एम सी त्रिपाठी की बृहदपीठ ने दिया है.