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जमानत, बेदखली और ध्वस्तीकरण पर 15 मई तक रहेगी रोक: हाईकोर्ट - bail will be banned till 15 may

लॉकडाउन को देखते हुए इलाहाबाद हाइकोर्ट ने एक बार फिर अंतरिम आदेशों को बढ़ा दिया है. पूर्व में पारित आदेश 10 मई तक प्रभावी रहेंगे. वहीं बेदखली, कब्जा हटाने और ध्वस्तीकरण आदेशों पर 15 मई तक रोक जारी रहेगी.

ध्वस्तीकरण पर 15 मई तक रहेगी रोक
ध्वस्तीकरण पर 15 मई तक रहेगी रोक

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Published : Apr 24, 2020, 12:03 PM IST

प्रयागराज: कोरोना महामारी से निपटने के लिए देश व्यापी लॉकडाउन के कारण इलाहाबाद हाइकोर्ट ने प्रदेश की सभी अदालतों, कामर्शियल कोर्ट, दुर्घटना दावा अधिकरण एवं भूमि अधिग्रहण द्वारा जारी अंतरिम आदेशों को एक बार फिर बढ़ा दिया है. अब पूर्व में पारित अंतरिम आदेश 10 मई तक प्रभावी रहेंगे. बेदखली, कब्जा हटाने या ध्वस्तीकरण आदेशों पर रोक 15 मई तक जारी रहेगी.

यह आदेश मुख्य न्यायाधीश गोविंद माथुर और न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा की खंडपीठ ने जनहित याचिका पर दिया है. इससे पहले खंडपीठ ने जनहित याचिका कायम कर 19 मार्च से अगले एक माह के दौरान समाप्त होने वाले सभी अंतरिम आदेशों की अवधि 26 अप्रैल तक के लिए बढ़ा दी थी. उम्मीद थी कि हालात सामान्य हो जाएंगे और लॉकडाउन खत्म हो जाएगा, लेकिन लॉकडाउन तीन मई तक बढ़ाए जाने के कारण हाइकोर्ट ने एक बार फिर अंतरिम आदेशों को बढ़ा दिया है.

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कोर्ट ने कहा है कि जो आदेश अगले आदेश पर निर्भर हैं, उन पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा और वे जारी रहेंगे. कोर्ट ने यह भी कहा है कि आपराधिक मामले में अग्रिम जमानत या नियमित जमानत दी गई है और एक माह के भीतर उसकी अवधि पूरी हो रही है तो वह अगले 10 मई तक जारी रहेगी. कोर्ट ने कहा है कि हाईकोर्ट या जिला अदालतों द्वारा यदि कोई ध्वस्तीकरण या बेदखली आदेश जारी किया गया है तो वह भी 10 मई तक निष्प्रभावी रहेगा. कोर्ट ने कहा है कि राज्य सरकार, नगर निकाय या अन्य कोई ऐसी एजेंसी नागरिकों के खिलाफ ध्वस्तीकरण व बेदखली कार्रवाई करने में शिथिलता बरतेगी.

कोर्ट ने आदेश की प्रति प्रदेश के महाधिवक्ता, अपर सालीसिटर जनरल आफ इंडिया, सहायक सालीसिटर जनरल आफ इंडिया, राज्य लोक अभियोजक एवं बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश के चेयरमैन को भेजे जाने का आदेश दिया है. हाईकोर्ट ने संविधान के अनुच्छेद 226 एवं 227 के अंतर्गत मिली शक्तियों का प्रयोग करते हुए वादकारियों के हित में उनकी आवश्यकताओं को देखते हुए यह सामान्य समादेश जारी किए हैं. हाईकोर्ट का आदेश हाईकोर्ट के अलावा सभी जिला अदालतों, हाईकोर्ट क्षेत्राधिकार के अंतर्गत आने वाले सभी अधिकरणों व न्यायिक संस्थाओं पर लागू होगा.

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