प्रयागराजःइलाहाबाद हाईकोर्ट (ALLHABD HIGH COURT) ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा है कि रिटायरमेंट के बाद कर्मचारी को मिले पैसों से नौकरी के दौरान हुए अधिक भुगतान की वसूली करना गलत है. इसी के साथ कोर्ट ने पीएसी में प्लाटून कमांडर पद से रिटायर सुरेश चंद यादव व रिटायर पुलिस इंस्पेक्टर गोपाल सिंह से सेवानिवृत्ति के बाद की गई वसूली ब्याज सहित वापस करने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने राज्य सरकार को यह छूट दी है कि नौकरी के दौरान किए गए अधिक भुगतान के जिम्मेदार अधिकारी से उनका दायित्व निर्धारित करते हुए उनसे वसूली करें.
रिटायरमेंट के बाद मिले पैसों से नौकरी में हुए अधिक भुगतान की वसूली गलत: हाईकोर्ट - High Court Important decision
इलाहाबाद हाईकोर्ट (ALLHABD HIGH COURT) ने रिटायरमेंट के बाद कर्मचारी को मिले पैसों से नौकरी के दौरान हुए अधिक भुगतान की वसूली करना गलत करार दिया है.
यह निर्णय न्यायमूर्ति पंकज भाटिया ने सुरेश चंद्र यादव एवं गोपाल सिंह की याचिकाओं पर वरिष्ठ अधिवक्ता विजय गौतम को सुनकर दिया है. पुलिस विभाग के दोनों अधिकारियों ने रिटायरमेंट के बाद उनके विरुद्ध जारी वसूली आदेश को याचिका के माध्यम से चुनौती दी थी. रिटायरमेंट के बाद उनकी ग्रेच्युटी एवं पेंशन से पैसों की कटौती कर ली गई और कहा गया कि यह कटौती इस कारण की जा रही है कि सेवाकाल के दौरान उन्हें अधिक वेतन भुगतान किया गया था. रिटायर पुलिस अधिकारियों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता विजय गौतम का कहना था कि याचियों से पैसों की कटौती विभागीय कार्यवाही संपादित किए बगैर की गई है. इस प्रकार का वसूली आदेश संविधान के अनुच्छेद 300- ए का उल्लंघन है और इसे रद्द किया जाना चाहिए. वरिष्ठ अधिवक्ता का कहना था कि सेवा के दौरान जो वेतन दिया गया, वह शासनादेशों के अनुकूल था. याचियों की इसमें कोई गलती नहीं थी और न ही इन्होंने धोखे से वेतन प्राप्त किया था.