प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अनुकंपा नियुक्ति मामले में सचिव केंद्रीय रक्षा मंत्रालय, वरिष्ठ संयुक्त महाप्रबंधक रक्षा मंत्रालय और गन कैरिज फैक्ट्री जबलपुर के सीनियर जनरल मैनेजर को तलब किया है. यह आदेश न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी ने जालौन के अनिल कुमार की याचिका पर दिया है.
कोर्ट ने सुनवाई के दौरान भारत सरकार की तरफ से किसी अधिवक्ता के उपस्थित न होने पर तीनों अधिकारियों को नोटिस जारी करते हुए 20 जुलाई को स्वयं या अधिवक्ता के माध्यम से हाजिर होने का निर्देश दिया. याची के पिता गोरख प्रसाद गन कैरिज फैक्ट्री जबलपुर में कर्मचारी थे. सेवाकाल में फरवरी 2012 में उनकी मृत्यु हो गई. उसके बाद याची ने उसी वर्ष मृतक आश्रित कोटे के तहत नियुक्ति के लिए आवेदन किया. एडवोकेट गोपाल जी खरे ने कोर्ट को बताया कि याची को तब से लगातार झूठा आश्वासन ही दिया जा रहा है और याची के प्रत्यावेदन पर अब तक कोई निर्णय नहीं लिया गया.
पुलिस कांस्टेबल भर्ती 2015मे लंबाई माप की गड़बड़ी की जांच का निर्देश
प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कांस्टेबल भर्ती 2015 के अभ्यर्थी को मानक से कम लंबाई के आधार पर बार-बार चयन से बाहर करने के मामले में भर्ती प्रक्रिया के दौरान सीसीटीवी में कैद फुटेज की जांच करने का निर्देश दिया है. यह आदेश मुख्य न्यायमूर्ति राजेश बिंदल और न्यायमूर्ति जेजे मुनीर की खंडपीठ ने अभ्यर्थी रवि प्रताप भारद्वाज की विशेष अपील पर दिया है.
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एडवोकेट सुनील यादव ने कोर्ट को बताया कि अपीलार्थी की सरकारी अस्पताल में कराई गई नाप मानक के अनुरूप 168 सेमी है जबकि कोर्ट के आदेश पर लंबाई की पुनः नाप के लिए भर्ती बोर्ड द्वारा गठित परीक्षण दल द्वारा अपीलार्थी की लंबाई बार-बार अनुचित ढंग से 167.5 सेमी दर्ज की गई. अपीलार्थी ने परीक्षण दल की रिपोर्ट पर परीक्षा के दिन ही लिखित आपत्ति दर्ज कराई थी.
उनका कहना था कि नियमानुसार परीक्षण दल को अपीलार्थी की आपत्ति पर विचार करते हुए लंबाई की नाप अपीलीय बोर्ड द्वारा करना चाहिए था लेकिन बोर्ड द्वारा सेवा नियमावली में दी गई भर्ती प्रक्रिया के विपरीत अपीलीय बोर्ड से जांच नहीं कराई और अवैधानिक और मनमाने तरीके से अपीलार्थी को दोबारा असफल घोषित कर दिया गया. उन्होंने कहा कि मामले की सच्चाई परीक्षण स्थल पर लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज की जांच में सामने आ सकती है. इस पर कोर्ट ने लखनऊ के पुलिस कमिश्नर को शारीरिक मानक परीक्षा स्थल पर लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज की जांच का आदेश देते हुए 30 अगस्त तक रिपोर्ट हलफनामे के साथ दाखिल करने का निर्देश दिया. कोर्ट ने अपीलार्थी से रजिस्ट्रार न्यायिक के यहां 20 हजार रुपये जमा करने को कहा है ताकि सीसीटीवी फुटेज की जांच में अपीलार्थी का दावा गलत पाया गया तो यह धनराशि विपक्षी को अदा की जा सके.