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COURT NEWS: अनुकंपा नियुक्ति मामले में रक्षा मंत्रालय के सचिव सहित अन्य अधिकारी तलब

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कांस्टेबल भर्ती 2015 के अभ्यर्थी को मानक से कम लंबाई के आधार पर बार-बार चयन से बाहर करने के मामले में भर्ती प्रक्रिया के दौरान सीसीटीवी में कैद फुटेज की जांच करने का निर्देश दिया है.

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इलाहाबाद हाईकोर्ट

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Published : Jul 13, 2022, 10:33 PM IST

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अनुकंपा नियुक्ति मामले में सचिव केंद्रीय रक्षा मंत्रालय, वरिष्ठ संयुक्त महाप्रबंधक रक्षा मंत्रालय और गन कैरिज फैक्ट्री जबलपुर के सीनियर जनरल मैनेजर को तलब किया है. यह आदेश न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी ने जालौन के अनिल कुमार की याचिका पर दिया है.

कोर्ट ने सुनवाई के दौरान भारत सरकार की तरफ से किसी अधिवक्ता के उपस्थित न होने पर तीनों अधिकारियों को नोटिस जारी करते हुए 20 जुलाई को स्वयं या अधिवक्ता के माध्यम से हाजिर होने का निर्देश दिया. याची के पिता गोरख प्रसाद गन कैरिज फैक्ट्री जबलपुर में कर्मचारी थे. सेवाकाल में फरवरी 2012 में उनकी मृत्यु हो गई. उसके बाद याची ने उसी वर्ष मृतक आश्रित कोटे के तहत नियुक्ति के लिए आवेदन किया. एडवोकेट गोपाल जी खरे ने कोर्ट को बताया कि याची को तब से लगातार झूठा आश्वासन ही दिया जा रहा है और याची के प्रत्यावेदन पर अब तक कोई निर्णय नहीं लिया गया.

पुलिस कांस्टेबल भर्ती 2015मे लंबाई माप की गड़बड़ी की जांच का निर्देश

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कांस्टेबल भर्ती 2015 के अभ्यर्थी को मानक से कम लंबाई के आधार पर बार-बार चयन से बाहर करने के मामले में भर्ती प्रक्रिया के दौरान सीसीटीवी में कैद फुटेज की जांच करने का निर्देश दिया है. यह आदेश मुख्य न्यायमूर्ति राजेश बिंदल और न्यायमूर्ति जेजे मुनीर की खंडपीठ ने अभ्यर्थी रवि प्रताप भारद्वाज की विशेष अपील पर दिया है.

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एडवोकेट सुनील यादव ने कोर्ट को बताया कि अपीलार्थी की सरकारी अस्पताल में कराई गई नाप मानक के अनुरूप 168 सेमी है जबकि कोर्ट के आदेश पर लंबाई की पुनः नाप के लिए भर्ती बोर्ड द्वारा गठित परीक्षण दल द्वारा अपीलार्थी की लंबाई बार-बार अनुचित ढंग से 167.5 सेमी दर्ज की गई. अपीलार्थी ने परीक्षण दल की रिपोर्ट पर परीक्षा के दिन ही लिखित आपत्ति दर्ज कराई थी.

उनका कहना था कि नियमानुसार परीक्षण दल को अपीलार्थी की आपत्ति पर विचार करते हुए लंबाई की नाप अपीलीय बोर्ड द्वारा करना चाहिए था लेकिन बोर्ड द्वारा सेवा नियमावली में दी गई भर्ती प्रक्रिया के विपरीत अपीलीय बोर्ड से जांच नहीं कराई और अवैधानिक और मनमाने तरीके से अपीलार्थी को दोबारा असफल घोषित कर दिया गया. उन्होंने कहा कि मामले की सच्चाई परीक्षण स्थल पर लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज की जांच में सामने आ सकती है. इस पर कोर्ट ने लखनऊ के पुलिस कमिश्नर को शारीरिक मानक परीक्षा स्थल पर लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज की जांच का आदेश देते हुए 30 अगस्त तक रिपोर्ट हलफनामे के साथ दाखिल करने का निर्देश दिया. कोर्ट ने अपीलार्थी से रजिस्ट्रार न्यायिक के यहां 20 हजार रुपये जमा करने को कहा है ताकि सीसीटीवी फुटेज की जांच में अपीलार्थी का दावा गलत पाया गया तो यह धनराशि विपक्षी को अदा की जा सके.

अग्निपथ भर्ती के विरोध में प्रदर्शन आगजनी के आरोपियों ने ली हाईकोर्ट की शरण

प्रयागराज: अग्निपथ सैनिकों की भर्ती के विरोध में प्रदेश में तोड़फोड़ और आगजनी के आरोपी हाईकोर्ट की शरण में आ रहे हैं. इनके खिलाफ संबंधित थानों में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है, जिसमें आरोपियों के विरुद्ध आगजनी करने तोड़फोड़ करने हत्या के प्रयास करने संबंधी आरोप लगाए गए है. इसी प्रकरण के तहत चंदौली जिले के अलीनगर थाने में एक प्राथमिकी दर्ज कराई गई है.

जिसमें कहा गया सरकारी कर्मचारी ड्यूटी पर जा रहे थे. उसी समय विरोध कर रहे उपद्रवियों ने हमला बोल दिया. जिससे कई पुलिस वाले घायल भी हुए हैं. साथ सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया, जिसमे दर्ज प्राथमिकी के विरुद्ध अग्रिम जमानत मे निचली अदालत के द्वारा राहत न देने से आरोपी मुलायम यादव ने इलाहाबाद हाई कोर्ट की शरण ली है. सुनवाई अगले हफ्ते होने की संभावना है इसी तरीके के अन्य जिलों से भी आरोपियों की याचिका इलाहाबाद हाईकोर्ट में दाखिल की जा रही है.

केन सुपरवाइजर भर्ती खाली पद भरने की मांग में याचिका पर सरकार से जवाब तलब

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 437 केन सुपरवाइजर भर्ती में कार्यभार ग्रहण न करने से खाली पदों को भरने के लिए पूरक चयन सूची जारी करने की मांग को लेकर दाखिल याचिका पर राज्य सरकार व अधीनस्थ सेवा चयन आयोग से जवाब मांगा है. याचिका की अगली सुनवाई 1अगस्त को होंगी. यह आदेश न्यायमूर्ति संगीता चंद्रा ने गोरखपुर के नितिन गुप्ता और 4 अन्य की याचिका पर दिया है.

याचिका पर अधिवक्ता मुजीब अहमद सिद्दीकी ने बहस की. इनका कहना है कि भर्ती में कई पद खाली रह गये हैं और झांसे मेरिट से नीचे के अभ्यर्थियों की पूरक चयन सूची जारी कर भरा जाना चाहिए. उन्होंने ने हाईकोर्ट के कुछ आदेशों का भी हवाला दिया. प्राविधिक रूप से चयनित अभ्यर्थियों को खाली पदों पर नियुक्त किया जा सकता है, जिसे रोका गया है.

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