प्रतापगढ़:लॉकडाउन में गरीब मजदूरों के सामने बड़ी समस्या है. हालांकि सरकार का दावा है कि कोई भूखा नहीं रहेगा, लेकिन प्रतापगढ़ में ऐसा होता नहीं दिखाई दे रहा है.लॉकडाउन की वजह से कई परिवार को अभी भी दो जून की रोटी और एक अदद ठिकाने के लाले पड़े हैं. आलम यह है कि परिवार सड़क पर सो कर लॉकडाउन की दूसरा चरण पूरा करने को विविश है.
प्रतापगढ़: प्रशासन ने इस परिवार की नहीं ली सुध, सरकारी दावों की खुली पोल
यूपी के प्रतापगढ़ में सरकारी दावों की पोल खुलती नजर आ रही है. यहां एक परिवार सड़कों के किनारे अपना जीवनयापन कर रहा है, लेकिन प्रशासन इनकी सुध नहीं ले रहा है.
ऐसा ही एक नजारा दिखाई दिया प्रतापगढ़ शहर स्थित स्टेट बैंक के सामने. यहां एक परिवार सड़क पर ही रात और दिन बिताने को मजबूर है. वाराणसी में लोहे का काम करने वाले दिलीप विश्वकर्मा के पास आज कोई काम नहीं है. लिहाजा वो अपनी मां के साथ प्रतापगढ़ में कबाड़ बिन कर खाने के इंतजाम में लगे हैं. रात को उसी सड़क पर सो जाया करते हैं. लेकिन लॉकडाउन ने उनका यह काम भी रोक दिया.
दिलीप के पास न तो सरकारी मदद पहुंची और न आश्वासन. दिलीप और उनकी मां की स्थिति को देख कर सरकार के सभी दावों की पोल खुल गई. जिले के तमाम अधिकारियों के नाक के नीचे ये मां-बेटे भूखे दिन-रात बिताने को मजबूर हैं.