लखनऊ/पीलीभीतः तीनों कृषि कानून वापसी के ऐलान के बाद पीलीभीत से भाजपा सांसद वरुण गांधी ने भी बहन प्रियंका गांधी की तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है. वरुण गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र भेजकर कृषि कानून वापस लेने की घोषणा का स्वागत करते हुए एमएसपी पर कानून बनाने सहित अन्य मुद्दों पर भी तत्काल निर्णय लेने की मांग की है.
पीएम को भेजे पत्र में सांसद वरुण गांधी ने लिखा है कि तीन कृषि कानूनों के निरस्तीकरण और फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य की वैधानिक गारंटी की मांग को लेकर पिछले एक साल से किसानों का एक विशाल आंदोलन देशभर में चल रहा है. आपने बड़ा दिल दिखाते हुए इन कानूनों को निरस्त करने की जो घोषणा की है उसके लिए मैं आपको साधुवाद देता हूं. पिछले एक साल में अत्यंत कठिन परिस्थितियों में धरना देते हुए इस आंदोलन में 700 से ज्यादा किसान भाइयों की शहादत भी हो चुकी है. उन्होंने आगे लिखा है कि मेरा मानना है कि यह निर्णय यदि पहले ही ले लिया जाता तो इतनी बड़ी जनहानि नहीं होती.
आंदोलन में मारे गए किसानों के परिजनों को दिया जाए 1-1 करोड़ मुआवजा
वरुण गांधी ने लिखा है कि आपसे विनम्र निवेदन है कि आंदोलन में शहीद हुए किसान भाइयों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए इनके परिजनों को एक-एक करोड़ रुपये का मुआवजा भी दिया जाए. इस आंदोलन के दौरान किसान भाइयों को प्रताड़ित करने के लिए जितनी भी फर्जी एफआईआर दर्ज की गई हैं, उन्हें भी तत्काल निरस्त किया जाना चाहिए. किसानों की दूसरी मांग एमएसपी को कानूनी रूप से बाध्यकारी बनाने से सम्बंधित है. हमारे देश में 85 प्रतिशत से ज्यादा छोटे, लघु और सीमांत किसान हैं. हमें इन किसानों के सशक्तिकरण के लिए इनको फसलों का लाभकारी मूल्य दिलवाना सुनिश्चित करना होगा.
एमएसपी की वैधानिक गारंटी मिलना अत्यंत आवश्यक
वरुण गांधी ने पत्र में लिखा कि किसानों का आंदोलन इस मांग के निस्तारण के बिना समाप्त नहीं होगा और व्यापक रोष बना रहेगा, जो किसी न किसी रूप में सामने आता रहेगा. अतः किसानों को फसलों की एमएसपी की वैधानिक गारंटी मिलना अत्यंत आवश्यक है. एमएसपी भी कृषि लागत मूल्य आयोग के C2 + 50 % फॉर्मूले के आधार पर होनी चाहिए. इस विषय में मेरा आपसे विनम्र निवेदन है कि सरकार को राष्ट्रहित में इस मांग को भी तत्काल मान लेना चाहिए. इससे हमारे किसान भाइयों को एक बहुत बड़ा आर्थिक सुरक्षा चक्र मिल जाएगा और उनकी स्थिति में व्यापक सुधार होगा.