मुजफ्फरनगर: कोरोना की पहली लहर में जिन चिकित्साकर्मियों को कोरोना कर्मवीर मानकर पूरा देश उनके सम्मान में तालियां बजा रहा था. वहीं दूसरी लहर आई तो कुछ चिकित्सकों ने इसे आपदा में अवसर मानकर लूट का खेल शुरू कर दिया है. ऐसा ही एक मामला मुजफ्फरनगर शहर में भी सामने आया है. गुरुवार को कोरोना संक्रमित की मौत पर हंगामे के बीच परिजन और चिकित्सक स्टाफ में मारपीट हो गई थी. इस दौरान अस्पताल प्रशासन से जुड़े एक शख्स ने हवाई फायरिंग कर माहौल को गर्मा दिया. दोनों पक्षों ने एक दूसरे पर आरोप लगाते हुए पुलिस में शिकायत की है. फिलहाल चिकित्सक की तहरीर पर पुलिस ने कोरोना मरीज के परिजनों के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा भी दर्ज कर लिया है.
11,000 प्रतिदिन कीमत अदा कर इलाज करा सकेगा मरीज , डीएम ने की थी घोषणा
शहर में बालाजी चौक के पास डॉक्टर देवेंद्र कुमार सैनी का हार्ट केयर सेंटर बना हुआ है. कोरोना वायरस संक्रमण बढ़ने पर मुजफ्फरनगर मेडिकल कॉलेज में जब जगह न रही, तो जिला प्रशासन ने इस हार्ट केयर सेंटर को भी कोविड-19 अस्पताल के रूप में परिवर्तित कर दिया. आईएमए के अध्यक्ष डॉ. एमएल गर्ग ने डॉक्टर देवेंद्र सैनी और डॉ. अनुज माहेश्वरी के साथ मिलकर इस कोविड सेंटर को शुरू किया. खुद डॉक्टर गर्ग और जिला प्रशासन ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर दावा किया था कि इस कोविड सेंटर में केवल 11000 रुपये प्रतिदिन लेकर मरीजों का उपचार किया जाएगा.
मृतक के परिजनों ने लगाए डॉक्टरों पर गंभीर आरोप
सिविल लाइन क्षेत्र के प्रकाश चौक निवासी नरेंद्र कुमार गुप्ता की गुरुवार को तबीयत खराब होने पर उनकी कोरोना रिपोर्ट कराई गई, जिसमें वह कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए. इसके बाद डॉक्टर देवेंद्र सैनी के हॉस्पिटल में भर्ती करा दिया. गुरुवार को शाम 4:00 बजे के लगभग नरेंद्र गुप्ता का कोरोना से निधन हो गया, जिसके बाद मरीज के परिजनों का डॉक्टरों से विवाद हो गया. मरीज के परिजनों का कहना है कि उनसे दो लाख रुपये एडवांस जमा कराए गए थे और उनके मरीज की मौत डॉक्टरों की लापरवाही से हुई है. जिसके बाद उन्हें न तो यह बताया गया की क्या इलाज किया गया, और दो लाख रुपये पूरे खर्च में बता दिए गए. इस मामले को लेकर हंगामा इतना बढ़ा कि डॉक्टर देवेंद्र सैनी के भाई मनीष सैनी ने मरीज के परिजनों पर हवाई फायर कर दी. डॉक्टर सैनी के स्टाफ ने उनके साथ हाथापाई भी कर दी. बाद में एसपी सिटी अर्पित विजयवर्गीय, सिटी मजिस्ट्रेट अभिषेक कुमार सिंह, सीओ सिटी कुलदीप सिंह, शहर कोतवाल योगेश शर्मा, सिविल लाइन कोतवाल उम्मेद यादव समेत भारी पुलिस फोर्स ने मौके पर जाकर मामले को संभाला.