मुजफ्फरनगर:कोरोना के चलते महिलाओं खासकर गर्भवती महिलाओं के सामने अपने उपचार की बड़ी समस्या है. गर्भावस्था में महिलाओं को नियमित रूप से डॉक्टर से चेकअप करना ही होता है. हालांकि, कोरोना के चलते इस समय लोग अस्पताल का रूख करने से बच रहे हैं. लोगों को डर है कि अस्पताल में जाने से कहीं संक्रमित न हो जाएं. दूसरा कारण यह भी है कोरोना के कारण चिकित्सकों ने भी अपने नियमों में फेरबदल किया हुआ है. इसके अलावा डॉक्टर के यहां भीड़ या वेटिंग के बजाय दो और तीन दिन बाद का अपॉइंटमेंट दिया जा रहा है.
डॉ. शिवानी वर्मा ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया
स्वामी कल्याण देव आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज के महिला रोग विभाग की विभागाध्यक्ष आयुर्वेदाचार्य डॉ. शिवानी वर्मा ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कोरोना महामारी में महिलाओं व विशेषकर गर्भवती महिलाओं और नवजात शिशु की देखभाल के विषय में बातचीत की. डॉ. शिवानी वर्मा ने कहा कि महिलाएं घर की रीढ़ होती हैं, इसलिए उन्हें भी अपना खास ख्याल रखना चाहिए.
कोरोना के खतरे के चलते गर्भवती महिलाएं अपना नॉर्मल चेकअप नहीं करा पा रही हैं. उन्होंने कहा कि वह अपने घरेलू उपचार से छोटी बीमारियों को घर पर ही ठीक कर सकती हैं. आयुर्वेद में कहा गया है 'प्रयोजन चास्य सवस्थस्य स्वास्थ्य रक्षणम आतुरस्य विकार प्रशमनम च' यानी आयुर्वेद का प्रयोजन स्वस्थ व्यक्ति के स्वास्थ्य की रक्षा करना और रोगी की बीमारी का शमन करना है.
गर्भवती महिलाएं दिनचर्या करें नियमित
आयुर्वेद में गर्भावस्था के दौरान उनके भोजन और लाइफस्टाइल के विषय में बताया गया है. ऐसी स्थिति में गर्भवती महिलाओं को अपनी दिनचर्या नियमित करनी है. साथ ही अपने नित्य काम से निवृत्त होकर वह आसन और प्राणायाम योगसन कर सकती हैं. कोरोना के कारण मानसिक तनाव भी बढ़ा है, इसमें ध्यान का अच्छा प्रयोग हो सकता है. आयुर्वेद के अनुसार, व्यायाम से शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, जिससे किसी भी इंफेक्शन का खतरा कम हो जाएगा.
प्रेग्नेंसी के दौरान करें आयरन से भरपूर भोजन
आहार यानी खाने में गर्भवती महिला को आयरन से भरपूर भोजन करना चाहिए. इसके साथ ही घर बहुत चीजें उपलब्ध होती हैं, जैसे मुनक्का, अंजीर, खजूर, मौसमी फल जैसे अमरूद आदि में भी आयरन की भरपूर मात्रा होता है, इसलिए फल व सब्जी मौसम के अनुसार खाएं. इस समय बरसात में मौसम के अनुसार सुपाच्य यानी आसानी से पचने वाला भोजन करना चाहिए. जठराग्नि मंद होने से भोजन का पाचन सही नहीं हो पाएगा और इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाएगा.