चन्दौली: अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट बनाए जाने के बाद संघ प्रमुख को इस ट्रस्ट का संरक्षक बनाए जाने की मांग होने लगी है. इस मांग को लेकर जनपद में अयोध्या की तपस्वी छावनी के महंत परमहंस दास ने तीन दिन पहले बुधवार को अनशन भी शुरू कर दिया था. तीसरे दिन उन्होंने अपना अनशन समाप्त किया. इस दौरान महंत परमहंस दास से राममंदिर ट्रस्ट को लेकर ईटीवी भारत के संवाददाता ने बातचीत की.
ईटीवी भारत से की बातचीत
ईटीवी भारत से बातचीत में महंत परमहंस दास ने सरकार की तरफ बनाये गए ट्रस्ट के फैसले का स्वागत किया. उन्होंने ट्रस्ट में दलित समाज से एक सदस्य की अनिवार्यता के फैसले की खासतौर पर सराहना की. इस दौरान महंत परमहंस दास ने सरकार को राम मंदिर के मुख्य पुजारी के रूप में दलित समाज से किसी व्यक्ति को पुजारी बनाये जाने की भी नसीहत दी. उन्होंने कहा जिस तरह श्रीराम ने माता सबरी के जूठे बेर खाकर ऊंच-नीच का भेद समाप्त किया था. उसी प्रकार सरकार राममंदिर का मुख्य पुजारी किसी दलित को बना कर भेदभाव मिटाए.
विरोध जताने वालों साधु संतों को परमहंस दास ने दी नसीहत
श्री रामजन्मभूमि ट्रस्ट की घोषणा के बाद विरोध जताने वालों साधु संतों को परमहंस दास ने नसीहत दी. उन्होंने कहा यदि स्पर्धा करना है तो इस तरह करें कि कोई महंत मंदिर निर्माण के लिए सौ करोड़ दे रहा है तो वे 1,000 करोड़ दें. तभी भव्य मंदिर का निर्माण होगा, लेकिन अपनी पद प्रतिष्ठा के लिए कोई विरोध करता है. तो यह सही नहीं है. संतों का यही सम्मान है कि वहां राम मंदिर बन रहा है.