चंदौलीःस्कूल फीस मुद्दे पर धरने पर अभिभावक संगठन के संयोजक सतनाम सिंह ने बताया कि कोरोना महामारी में लॉकडाउन के पहले चरण से अभी तक विद्यालय लगभग बंद ही चल रहे हैं. आगे कब तक बंद रहेंगे, यह कोई समय निश्चित नहीं है. दिखावे के रूप में ऑनलाइन की पढ़ाई को शुरू किया गया, परंतु ऑनलाइन पढ़ाई से केवल एक औपचारिकता ही पूरी हो रही है. बच्चों के समझ में कुछ भी नहीं आ रहा है.
ऑनलाइन पढ़ाई बेकार
इसका सीधा प्रमाण कुछ दिनों पहले जब चंदौली जिला अधिकारी ने स्कूल के बच्चों के साथ एक बैठक की तो उसमें सीधे संवाद में बच्चों ने जिलाधिकारी को बताया कि सर हमें ऑनलाइन पढ़ाई से कुछ भी समझ में नहीं आ रहा है. मोबाइल नेटवर्क का हाल तो सबको मालूम ही है. शिक्षा के रूप में तो बच्चों तक कुछ भी पहुंच नहीं पा रहा है. ऑनलाइन पढ़ाई में कई तरह की समस्याएं भी सामने आ रही हैं.
मोबाइल पढ़ाई महत्वहीन
यहीं नहीं एक घर में दो से तीन बच्चे या उससे अधिक बच्चे हैं. इतनी मोबाइल हैंडसेट घर में नहीं हैं, जिससे वह क्लास नहीं कर पा रहे हैं. बहुत छोटे बच्चों को तो पढ़ाई बिल्कुल भी समझ में नहीं आ रही है. उसके बाद बिल्डिंग, बिजली और सारी चीजें अभिभावकों की लग रही हैं.