चंदौली: जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था अधर में लटकी हुई है. यूं कहें तो भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई. करोड़ों रुपये आए और अस्पताल के नाम पर चले भी गये, लेकिन चंदौली स्वास्थ्य महकमे की बिमारी ठीक होने का नाम नहीं ले रही. वेंटिलेटर पर पड़ा स्वास्थ्य विभाग पल-पल दम तोड़ रहा है और इसके साथ ही टूट रही है लोगों की उम्मीदें.
ये तस्वीरें नियामताबाद के इकौनी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की हैं. सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की मुख्य बिल्डिंग बनकर तैयार है, लेकिन मेडिकल स्टाफ का आवासीय परिसर अधूरा पड़ा है. यह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया. आवंटित पूरी धनराशि लगभग चार करोड़ खर्च होने के बाद भी निर्माण पूरा नहीं हो सका. ये भी पढ़ें-चंदौलीः करोड़ों खर्च पर बबुरी को नहीं मिला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, जिम्मेदार आखिर कौन
ईओडब्ल्यू कर रही है जांच
स्वास्थ्य विभाग मानक के अनुरूप निर्माण न होने और भ्रष्टाचार मामले में राजकीय निर्माण निगम ने इंजीनियरों के खिलाफ केस भी दर्ज कराया है. इसकी जांच भी ईओडब्ल्यू की ओर से की जा रही है, लेकिन अब तक जांच रिपोर्ट नहीं आ सकी, जिसके चलते स्थानीय लोगों को तमाम मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.
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पल-पल दम तोड़ रहा चंदौली की स्वास्थ्य व्यवस्था
समय आ गया है राजनीतिक इच्छाशक्ति की परीक्षा हो जाय, क्योंकि कागजों पर करोड़ों खर्च के बाद भी स्वास्थ घोषणाएं अभी नींव तक ही सीमित हैं. इलाज के इंतजार में चंदौली के स्वास्थ्य स्थल अधूरे हैं, जो चुनावी घोषणाओं की जमीनी हकीकत दिखाती है. चंदौली में वेंटीलेटर पर पड़ा स्वास्थ्य विभाग पल-पल दम तोड़ रहा है.