चंदौली: जिला एवं सत्र विशेष न्यायाधीश पॉक्सो राजेन्द्र प्रसाद की अदालत ने शुक्रवार को 7 वर्षीय नाबालिग बालक से दुष्कर्म मामले की सुनवाई की. इसमें शामिल दोनो आरोपियों (सगे भाइयों) को बीस वर्ष की सज़ा सुनाई गई. अभियुक्त दरोगा व लाखे को मामले में सुनवाई के दौरान 20 वर्ष की कठोर कारावास की सज़ा सुनाई गई. इसके साथ ही 15 हज़ार रुपये का अर्थदंड भी लगाया गया.
जून 2017 में मुकदमा दर्ज किए जाने के बाद इसका ट्रायल हुआ. अभियोजन की ओर से विशेष अधिवक्ता पॉक्सो शमशेर बहादुर सिंह,अवधेश नारायण सिंह,और रमाकांत उपाध्याय ने मुकदमे की पैरवी की है.
विशेष अधिवक्ता पॉक्सो शमशेर बहादुर सिंह ने बताया कि चकिया थाना क्षेत्र के एक गांव की रहने वाले नाबालिग 7 वर्षीय पीड़ित बच्चे की मां ने आरोप लगाया की उसके पुत्र को अकेला पाकर दरोगा गुजरात के श्याम काठे नामक स्थान ले गया. दो माह बाद जब बच्चा घर आया तो उसने बताया कि दोनों अभियुक्त दरोगा व लाखे (सगे भाई) उससे काम करवाते थे. आंख में मिर्च पाउडर डालकर प्रताडित करते थे. साथ ही दुष्कर्म जैसी घटना को अंजाम देते थे. इसके साथ ही रात में बिजली का करंट भी देते थे.
इस मामले में कोर्ट ने जिरह के बाद फैसला सुनाया है. अभियुक्त दरोगा व लाखे को कोर्ट ने 20 वर्ष कैद की सजा सुनाई. साथ ही कोर्ट की ओर से 15 हजार का अर्थदंड भी लगाया गया. अर्थदंड न चुका पाने की स्थिति में दोनों को अतिरिक्त सजा भोगनी होगी.
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