मुरादाबाद:कोरोना संकट के चलते पूरे देश में लॉकडाउन लागू किया गया है. केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा शर्तों के साथ लॉकडाउन में छूट दी गयी है. मुरादाबाद जनपद में लॉकडाउन पार्ट 4.0 में मनरेगा कार्यों को करने की छूट मिलने के बाद बड़ी संख्या में ग्रामीण और प्रवासी मजदूर मजदूरी कर रहे हैं. इन मजदूरों के स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए जनपद के एक गांव में विशेष इंतजाम किए गए हैं.
मनरेगा मजदूरों का हो रहा स्वास्थ्य परीक्षण मनरेगा मजदूरों की स्वास्थ्य जांच
ग्राम प्रधान द्वारा मुहैया कराई गई थर्मल स्कैनिंग से हर रोज मजदूरों के स्वास्थ्य की जांच कराई जाती है और स्वस्थ होने पर ही काम करने की इजाजत दी जाती है. मजदूरों को मास्क और सैनिटाइजर भी दिया जा रहा है. ग्राम प्रधान की इस पहल के बाद मजदूर काफी खुश नजर आ रहे हैं.
जनपद के मझोला थाना क्षेत्र स्थित मनोहरपुर गांव में आजकल मनरेगा कार्यों में बड़ी संख्या में मजदूर काम कर रहे हैं. कोरोना संकट के चलते मनोहरपुर गांव में पच्चीस प्रवासी मजदूर वापस लौटे हैं, जिनमें से क्वारंटाइन पीरियड पूरा कर चुके पन्द्रह मजदूरों को मनरेगा जॉब कार्ड मुहैया देकर काम दिया गया है.
ग्राम प्रधान की पहल
मनरेगा काम में जुटे मजदूरों को कोरोना संक्रमण से बचाना बड़ी चुनौती है, लिहाजा गांव के प्रधान और अन्य सदस्यों द्वारा मजदूरों के लिए एक कार्य योजना तैयार की गई है. हर सुबह मनरेगा काम शुरू होने से पहले मजदूरों का स्वास्थ्य परीक्षण करने के लिए थर्मल स्कैनिंग का इस्तेमाल किया जा रहा है. मजदूरों के शरीर का तापमान ज्यादा होने पर उन्हें घर वापस भेज दिया जाता है, साथ ही चिकित्सीय सुविधा मुहैया कराई जाती है.
मनोहरपुर गांव में हर रोज लगभग दो सौ मजदूर मनरेगा कार्य करने के लिए पहुंचते हैं. लॉकडाउन पार्ट 4.0 में फैक्ट्रियां खुलने की छूट मिलने के बाद कई ग्रामीण फैक्ट्रियों में भी काम करने पहुंच रहे हैं.
मनरेगा मजदूरों के लिए ग्राम प्रधान द्वारा सैनिटाइजर और मास्क की व्यवस्था भी अपने खर्चे पर की गई है. ग्राम प्रधान द्वारा की गई इस व्यवस्था से मजदूर भी खुश हैं और कोरोना संक्रमण से बचने के लिए की गई पहल का स्वागत कर रहे हैं. मनोहरपुर गांव में बाहर से आने वाले लोगों को भी स्वास्थ्य जांच के बाद ही गांव में प्रवेश करने की इजाजत है.
प्रवासी मजदूरों के वापस लौटने के बाद जनपद के देहात क्षेत्रों में संक्रमण का खतरा बढ़ गया है. ऐसे में अगर मजदूरों को संक्रमण से नहीं बचाया गया तो हालात ज्यादा खराब हो सकते हैं. मनोहरपुर गांव में की गई इस पहल के बाद अन्य ग्राम पंचायतों में भी मजदूरों का स्वास्थ्य परीक्षण करने के बाद काम देने की कवायद की जा रही है.