मुरादाबादः जिले के एक निजी अस्पताल की लापरवाही से दो शवों की अदला-बदली हो गयी. जिसके बाद परिजनों ने अस्पताल में जमकर हंगामा किया. शव दो अलग-अलग समुदाय के लोगों का था. मामले का खुलासा उस वक्त हुआ जह एक पक्ष शव के अंतिम संस्कार के पहले आखिरी दर्शन कर रहा था. जिसके बाद अस्पताल प्रशासन की लापरवाही से भड़के परिजनों ने इसकी शिकायत सिविल लाइन थाने में की. हालांकि पुलिस ने दूसरे पक्ष से संपर्क कर शव को कब्रिस्तान से बाहर निकलवाकर एक-दूसरे के परिजनों को सौंप दिया.
ये है पूरा मामला
एक निजी अस्पताल कॉसमॉस में कोरोना संक्रमण की वजह से दो लोगों की मौत हो गयी. जिसके बाद अस्पताल प्रशासन ने बेपरवाह रवैया दिखाते हुये शव की अदला-बदली कर दी. ये शव अलग-अलग समुदाय के थे. एक समुदाय ने शव को कब्रिस्तान में दफन कर दिया. जबकि दूसरा समुदाय जब अंतिम संस्कार के समय शव के आखिरी दर्शन के लिये गया, तो अस्पताल प्रशासन की लापरवाही का खुलासा हो गया. जिसके बाद परिजनों ने अस्पताल में पहुंचकर हंगामा किया, और इसकी शिकायत पुलिस से की. हालांकि पुलिस ने दूसरे समुदाय से संपर्क कर कब्रिस्तान से शव को बाहर निकालकर परिजनों को उसे सौंप दिया. जिसके बाद लोगों का गुस्सा शांत हो गया.
शव को देख परिजनों के उड़े होश
बरेली के सुभाष नगर निवासी रामप्रताप सिंह बैंक से रिटायर हो गये थे. उनको हार्ट की काफी समय से परेशानी थी. नागफनी थाना क्षेत्र के बंगला गांव निवासी अधिवक्ता पवित्र कुमार उनके रिश्तेदार थे. कुछ दिनों पहले राम प्रताप रिश्तेदारी में पवित्र के घर आए थे. 15 अप्रैल को राम प्रताप की तबीयत खराब हुई, तो उनको कॉसमॉस अस्पताल में भर्ती कराया गया. परिजनों के अनुसार 16 अप्रैल को बताया गया कि वह कोरोना संक्रमित है. इसके बाद अस्पताल में उनका उपचार शुरू हो गया. 19 अप्रैल की दोपहर अस्पताल प्रशासन ने पवित्र कुमार को सूचना दी कि राम प्रताप का निधन हो गया है. इसके बाद परिजनों में कोहराम मच गया. मंगलवार की दोपहर काफी मशक्कत के बाद अस्पताल प्रशासन ने रामप्रताप का शव परिजनों के सुपुर्द किया. देर शाम परिजन शव का अंतिम संस्कार करने के लिए श्मशान घाट पहुंचे. पवित्र कुमार के अनुसार मुखाग्नि देने से पहले जब उनका चेहरा देखा तो सभी के होश उड़ गए. दरअसल अस्पताल प्रशासन ने लापरवाही बरतते हुए किसी दूसरे युवक का शव उनके सुपुर्द कर दिया था. इसके बाद परिजनों ने अस्पताल पहुंचकर जमकर हंगामा किया. लेकिन काफी देर तक किसी ने भी उनकी सुध नहीं ली. थकहार कर परिजनों ने पुलिस को सूचना दी तो सिविल लाइंस थाने से भारी फोर्स मौके पर पहुंच गई.